पंजाब की राजनीति में नई पार्टी का आगाज, सुखदेव सिंह ढींडसा बने शिरोमणि अकाली दल के नेता

पंजाब की राजनीति में नई पार्टी का आगाज, सुखदेव सिंह ढींडसा बने शिरोमणि अकाली दल के नेता
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पंजाब की राजनीति मे एक नई पार्टी का आगाज हुआ है। शिअद-बादल से बागी हुए सभी दिग्गज नेताओं ने मंगलवार को केन्द्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा को शिरोमणि अकाली दल के प्रधान के रूप में पार्टी का नया मुखिया चुना।

अमृतसर। पंजाब की राजनीति मे एक नई पार्टी का आगाज हुआ है। शिअद-बादल से बागी हुए सभी दिग्गज नेताओं ने मंगलवार को केन्द्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा को शिरोमणि अकाली दल के प्रधान के रूप में पार्टी का नया मुखिया चुना। लुधियाना के मॉडल टाउन गुरुद्वारा शहीदां में सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ। पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़ ने कहा कि नई पार्टी का नाम शिरोमणि अकाली दल ही रहेगा। यदि चुनाव आयोग में अड़चन आई तो डेमोक्रेटिक शब्द जोड़ा जाएगा। शिअद प्रवक्ता ने दलजीत सिंह चीमा ने कहा, कोई भी मोहल्ला स्तर पर मीटिंग आयोजित कर 100 साल पुरानी पार्टी को बदलने का दावा नहीं कर सकता।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने आरोप लगाया कि शिअद को बादल परिवार की जागीर की तरह बना दिया गया था। जबकि उनके जैसे टकसाली नेता इस तरह वर्करों की अनदेखी से आहत थे। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया, मनजीत सिंह जीके, मान सिंह गरचा, हरसुखइंदर सिंह बब्बी बादल, बीर दविंदर सिंह, हरियाणा शिरोमणि कमेटी से जत्थेदार दीदार सिंह नलवी, परमिंदर सिंह ढींडसा समेत कई जिलों के नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी बागी नेताओं ने हाथ उठाकर ढींडसा को समर्थन दिया।

ढींडसा के नया शिअद बनाने के फैसले के बाद अकाली दल टकसाली के नेता दोफाड़ होते नजर आए। अकाली दल टकसाली के 3 सबसे बड़े नेताओं रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, रतन सिंह अजनाला और सेवा सिंह सेखवां में मतभेद सामने आए हैं। प्रधान रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने तो इसे पीठ में छुरा घोपने के समान बताया, तो अजनाला ने कहा, ढींडसा को बाहर नहीं जाना चाहिए था। बादल परिवार का नाम लिए बिना अजनाला ने कहा कि इस कदम से अपोजीशन को ही लाभ मिलेगा। उधर सेवा सिंह सेखवां ने ढींडसा के कदम को सही करार देते हुए अकाली दल टकसाली के उनकी पार्टी में विलय की बात तक कह डाली।

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