अकाल तख्त कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के संस्थापक को करेगा सम्मानित

अमृतसर। सिखों के पांच तख्तों में से एक अकाल तख्त ने कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह को "पंथ सेवक" का सम्मान देने का फैसला किया है। सिंह 1981 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर उसे लाहौर ले जाने के पांच आरोपियों में से एक हैं। भारत ने 2002 में गजिंदर के नाम को 20 "सर्वाधिक वांछित" आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था।
अकाल तख्त के एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि हाल में पांच मुख्य ग्रंथियों की एक बैठक में गजिंदर सिंह को सम्मानित करने का फैसला किया गया। नाम न जाहिर करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि "सिख समुदाय के प्रति उसके योगदान" को लेकर उसे सम्मानित करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त जल्द ही इस संदर्भ में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगा और उसे सम्मानित करने के लिये तारीख तय करेगा। गजिंदर सिंह फिलहाल पाकिस्तान के लाहौर में रह रहा है।
अपहरण के मद्देनजर ने केंद्र सरकार ने 1982 में दल खालसा पर प्रतिबंध लगा दिया था। एक दशक बाद इस प्रतिबंध को हालांकि हटा लिया गया था। दल खालसा के प्रवक्ता कंवर पाल ने कहा कि गजिंदर सिंह और अन्य को पाकिस्तान में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और उन्होंने करीब 14 साल जेल में गुजारे थे। गजिंदर सिंह जुलाई 1996 में नए सिरे से अपनी जिंदगी शुरू करने के लिये जर्मनी पहुंचा था लेकिन वहां से उसे वापस पाकिस्तान प्रत्यर्पित कर दिया गया।
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