पंजाब के तीन मेडिकल कॉलेज लेंगे कोरोना वायरस की कोवैक्सिन परीक्षण में हिस्सा

चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना वायरस का कहर अपने चरम पर बना हुआ है। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं प्रदेश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी भयावह रूप लेता जा रहा है। हालांकि प्रदेश सरकार कोरोना के प्रसार को कम करने की हर मुमकिन कोशिशें कर रही है। राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज कोरोना वायरस निरोधक टीके (कोवैक्सिन) के परीक्षण में हिस्सा लेंगे जिसका परीक्षण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारत बायोटेक लिमिटेड कर रहा है। सरकार ने बयान जारी कर बताया कि यह परीक्षण 15 अक्टूबर से शुरू होगा।
कोविड समीक्षा बैठक की यहां अध्यक्षता करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग से प्रतिभागियों की अनिवार्य सहमति के साथ परीक्षणों के दौरान सभी सावधानियों का पूर्ण और सख्त पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने सख्ती से यह आदेश दिया कि गरीबों को परीक्षण के परिणाम एवं संभावित खतरे की समझ, जानकारी और उनकी सहमति बगैर उन्हें परीक्षण में शामिल नहीं किया जाना चाहिये। कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार से संपर्क करने वाले भारत बायोटेक ने परीक्षण के दौरान किसी प्रकार के स्थायी कुप्रभाव एवं मृत्यु होने की स्थिति में प्रभावितों के लिये 75 लाख रुपये के बीमा कवर की घोषणा की। इस टीके का संभावित दुष्प्रभाव बुखार, दर्द तथा बेचैनी हो सकती है। बता दें कि प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज कोरोना वायरस निरोधक टीके (कोवैक्सिन) के परीक्षण में हिस्सा लेंगे जिसका परीक्षण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारत बायोटेक लिमिटेड कर रहा है।
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