पंजाब जहरीली शराब कांड : मामले की जांच के लिए दो एसआईटी का होगा गठन

चंडीगढ़। पंजाब में जहरीली शराब त्रासदी मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले ने पंजाब की राजनीति में भूचाल पैदा कर दिया है। एक तरफ जहां प्रदेश सरकार के नेताओं के बीच ही कलह पैदा हो गई है वहीं इस मामले की तफतीश जारी है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने जहरीली शराब त्रासदी मामले की जांच करने के लिए दो विशेष जांच टीमों (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया। इस मामले में अब तक कुल 113 लोगों की जान जा चुकी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) ईश्वर सिंह दोनों एसआईटी जांचों की निगरानी करेंगे। पंजाब पुलिस ने अब तक इस मामले में तरनतारन में तीन, अमृतसर और गुरदासपुर के बटाला में एक-एक एफआईआर दर्ज की है। गुप्ता ने कहा कि उप महानिरीक्षक (फिरोजपुर क्षेत्र) हरदयाल सिंह मान तरनतारन में दर्ज एफआईआर की जांच के लिए एसआईटी का नेतृत्व करेंगे और महानिरीक्षक (अमृतसर) सुरिंदर पाल सिंह परमार अमृतसर और बटाला में दर्ज एफआईआर की जांच कर रहे एसआईटी का नेतृत्व करेंगे।
कैप्टन अमरिंदर ने दिए जांच के निर्देश
वहीं इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पुलिस और जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की बारीकी से जांच की जानी चाहिए और इसमें जो लोग भी शामिल हैं उन पर सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए। सीएम ने कहा कि इस धंधे को खत्म करो, सरहदी इलाकों को साफ करो। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में डीजीपी दिनकर गुप्ता और मुख्य सचिव विनी महाजन के अलावा तरनतारन, अमृतसर देहात और गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नरों और जिला पुलिस मुखियों और आबकारी एवं कर विभाग के अधिकारी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरहदी इलाकों में लाहन के प्रयोग से अवैध शराब का धंधा लंबे समय से चल रहा है, लेकिन पड़ोसी राज्यों से तस्करी के नए रुझान से अब यह स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को अपराधियों से निपटते समय पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए।
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