Agniveer Amritpal Singh: अग्नीवीर अमृतपाल सिंह को इसलिए नहीं दिया गया 'गार्ड ऑफ ऑनर', सेना ने जारी किया बयान

Punjab news: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के राजौरी सेक्टर में मारे गए अग्निवीर भर्ती अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के अंतिम संस्कार के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर (guard of Honour) नहीं देने पर सियासत शुरू हो गई है। इसी बीच भारतीय सेना ने अपना बयान जारी किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सेना अपने बयान में कहा कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी। सेना ने आगे कहा कि अमृतपाल सिंह की मौत उनके परिवार और भारतीय सेना के लिए एक गंभीर क्षति है। मौजूदा प्रथा के अनुरूप, औषधीय-कानूनी प्रक्रियाओं के संचालन के बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव ले जाया गया।
सेना अपने बयान में आगे कहा कि मृत्यु का कारण खुद को पहुंचाई गई चोट है, प्रचलित सेना आदेश 1967 के अनुसार सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं हैं। इसलिए उनके मृत शरीर के साथ आए कर्मी सिविल ड्रेस में थे और मृतक को कोई गार्ड ऑफ ऑनर या सैन्य अंतिम संस्कार नहीं दिया गया।
राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
बता दें कि अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर नहीं देने सियासत गरम हो गई है। विपक्षी दलों ने इस मामले पर हैरानी जताते हुए अगनी पथ योजना नीति पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाया। आम आदमी पार्टी राघव चड्ढा ने कहा था कि अमृतपाल सिंह के शव को उनके परिजन को सौंपने के लिए सेना की कोई इकाई नहीं आई। उनके शव को एक निजी एम्बुलेंस में लाया गया और उन्हें कोई सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। अग्निवीर योजना जब लागू हुई तो लोगों ने कई तरह की आशंकाएं जाहिर की थी और बीजेपी सरकार के सामने कई सवाल उठाए थे। उस समय केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अग्निवीर योजना को लेकर जो डर था वही हुआ।
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