19 साल के इस जांबाज ने देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान, सीमा पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए प्राण किए न्योछावर

अलवर। कहते हैं एक सिपाही का देश को लेकर हौंसला इतना बुलंद होता है कि वह देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने में भी संकोच नहीं करता। ऐसी ही एक मिसाल अलवर के रहने वाले एक सिपाही ने दी है। जिले के भिवाड़ी के सैदपुर गांव का महज 19 साल के जांबाज निखिल दायमा शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से किए गए सीज फायर के उल्लंघन के बाद हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहीद निखिल दायमा के पार्थिक देह को आज कश्मीर से दिल्ली लाया जाएगा। वहां से शहीद को उनके पैतृक गांव सैदपुर लाया जाएगा। उसके बाद सैदपुर में ही उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि निखिल ने देश के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया है। गहलोत ने जाबांज निखिल की शहादत को नमन करते हुये ईश्वर से परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है। सीएम ने कहा है इस कठिन घड़ी में हम सब शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं।
गुरुवार को की थी माता-पिता से बातचीत
उनकी शहादत की सूचना से परिजन सदमे में हैं। परिवार की महिलाओं को शुक्रवार देर रात तक इसकी सूचना नहीं दी गई थी। गुरुवार को ही निखिल की अपने माता-पिता से बात हुई थी। उनके पिता मंजीत दायमा ड्राइवर और माता सविता गृहिणी हैं। निखिल का छोटा भाई चन्दन 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है। दादा मुनिलाल गुर्जर सेना में सूबेदार पद से रिटायर हैं। बड़े दादा दीनदयाल दायमा कैप्टन पद से रिटायर हुए थे।
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