पाबंदियों के बीच राजस्थान में नया साल मनाने नहीं पहुंचे टूरिस्ट, फिर भी इतने करोड़ की पी गए लोग शराब

कोरोना वायरस महामारी की वजह से इस साल नए साल का जश्न फीका पड़ गया। देश भर के अधिकतर राज्यों में सरकार द्वारा एहतियात के तौर पर पाबंदियां लगाई गई थीं ताकि कोरोना के प्रकोप पर नियंत्रण किया जा सके। राजस्थान की बात करें तो यहां भी सरकार ने जोखिम ना उठाते हुए नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) का ऐलान कर दिया था। इसी वजही से कोरोना काल और नाइट कर्फ्यू के कारण इस बार राजस्थान में देशी-विदेशी पर्यटक नहीं आए। वरना हजारों की संख्या में न्यू इयर का सेलिब्रेशन करने जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, अलवर और माउंट आबू लोग घूमने आते हैं। लेकिन बावजूद इसके राज्य में शराब की जमकर बिक्री हुई। नए साल पर राजस्थान में एक ही में लगभग 70 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। हालांकि, ये पिछले साल (31 दिसंबर 2019) की तुलना में 30 फीसदी कम है।
इतनी मात्रा में शराब की बिक्री हैरान करनेवाली
देखा जाए तो यह सिद्ध होता है कि जश्न मनाने के लिए शराब का सेवन जरूरी हो। नववर्ष की पूर्व संध्या पर जश्न पर पूरी तरह रोक के बावजूद इतनी मात्रा में शराब बिकना हैरान करने वाला है। वो भी तब जब पूरे प्रदेश में तमाम शराब की दुकानें रात 8 बजे से पहले बंद हो गई हों। रेस्टोरेंट्स, बार, क्लब, फार्म हाउस सहित तमाम जगहों पर सामूहिक पार्टी पर रोक रही हो। ऐसे में आबकारी विभाग को भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी मात्रा में शराब बिकेगी और राजस्व मिलेगा।
बियर के बजाय शराब में रही डिमांड
आबकारी विभाग से जारी डेटा देखें तो इस बार लोगों ने बीयर की तुलना में अंग्रेजी शराब को पीना ज्यादा पसंद किया हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना को देखते हुए लोगों की दिलचस्पी बीयर की बजाय अंग्रेजी शराब में रही। साल 2019 में लगभग 30 करोड़ रुपए मूल्य की बीयर बिकी थी, जबकि इस बार ये आंकड़ा केवल 10 करोड़ रुपए से नीचे (9.90 करोड़) रह गया। इस कारण इस बार अंग्रेजी शराब की डिमांड ज्यादा रही।
पिछले साल एक अरब की बिकी थी शराब
नए साल का जश्न मनाने में गिने जाने वाले राज्यों में अब राजस्थान का नाम भी शुमार किया जा रहा है। पिछले साल की बात करें तो 31 दिसंबर 2019 की रात तक पूरे प्रदेश में 1 अरब 4 करोड़ की शराब बिकी थी। उस समय आयोजन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी, लोगों ने होटल, पब, फार्म हाउस, रिसोर्ट में जमकर जाम छलकाए थे। उस समय तो आबकारी विभाग ने होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में पार्टियां में शराब परोसने के लिए अस्थाई लाइसेंस भी जारी किए थे, जिससे भी विभाग को आय हुई थी।
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