एसीबी ने रिश्वत मामले में महर्षि दयानंद सरस्वती विवि के कुलपति सहित तीन किया गिरफ्तार

जयपुर। राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अजमेर स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति सहित तीन लोगों को सोमवार को कथित तौर पर 2.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने एक बयान में बताया कि कुलपति डॉ. रामपाल सिंह ने बिचौलिए रणजीत सिंह व महिपाल सिंह के जरिए यह रिश्वत मांगी थी। रिश्वत नागौर में एक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक निजी कॉलेज में परीक्षा केंद्र आवंटित करने के लिए मांगी गयी थी। त्रिपाठी ने बताया कि ब्यूरो की टीम ने मिर्धा मेमोरियल कॉलेज झुंजाला पर परीक्षा केंद्र आवंटन करने के मामले में बिचौलिए रणजीत सिंह व महिपाल सिंह के साथ साथ महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रामपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के अनुसार कुलपति की ओर से रणजीत सिंह 2.20 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था। इससे पहले परिवादी एसके बंसल ने इस बारे में ब्यूरो में शिकायत की थी। शिकायत के सत्यापन के दौरान कुलपति द्वारा रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई।
एसीबी एसपी समीर सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर की गई थी। शिकायत मिली थी कि विवि में निजी कॉलेजों की मान्यता, परीक्षा केन्द्र बनाने और सीटें बढ़वाने के नाम पर घूस ली जा रही है। शिकायत के बाद से ही एसीबी ने इस मामले से जुड़े सभी लोगों को सर्विलांस पर ले रखा था। मोबाइल सर्विलांस के दौरान ही पता चला था कि सोमवार को राहुल मिर्धा मेमोरियल कॉलेज, झुंझाल नागौर का प्रतिनिधि महिपाल रिश्वत लेकर कुलपति आवास पर आएगा। एसीबी ने जाल बिछाया और कुलपति के सरकारी आवास से इन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
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