अलवर मॉब लिचिंग मामला : हाईकोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की

अलवर में 20 जुलाई 2018 को हुए मॉब लिंचिंग मामले में बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों की जमानत खारिज कर दी। राजस्थान हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों विजय कुमार और धर्मेंद्र कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने फैसला सुनाया।
राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता राजेन्द्र यादव ने जमानत का विरोध किया था और कहा कि आरोपियों का बाहर आना खतरनाक है। गौरतलब है कि 20 जुलाई 2018 को मॉब लीचिंग में रकबर खान की हत्या हुई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रहबर खान अपने गांव में ही डेरी का बिजनेस शुरू करना चाहता था।
इसके लिए वह कुछ लोगों से कर्ज भी लिया था। वह अपने दोस्त असलम के साथ अलवर के लालवंडी गांव दो गाय खरीदने गया था। दोनों ने वहां 60 हजार रुपए में दो गाय खरीदीं। रहबर गायों के पीछे-पीछे चल रहा था, जबकि असलम मोटरसाइकिल पर किनारे -किनारे चल रहा था। तभी एक फायर की आवाज सुनाई दी और कुछ लोग यह कहते हुए उनके पीछे दौड़े कि कोई गाय चुराकर लिए जा रहा है।
असलम के अनुसार, लोग उनकी ओर आ रहे थे तो वह डर के मारे खेतों में छिप गया था। कुछ लोगों ने रबहर को पकड़ लिया और उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। रहबर खान हरियाणा के मेवात जिले का रहने वाला था। रहबर के घर में पत्नी, माता-पिता और सात बच्चे हैं। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसका ट्रायल चल रहा है। आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई है।
बता दें कि इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। ऐसी मॉब लिंचिंग की वारदातों के बाद राज्य सरकार पर भी कई सवाल उठ खड़े हुए थे। फिलहाल यह मामले कोर्ट के अधीन चल रहा है।
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