गहलोत ने अधिकारियों को दिए निर्देश- बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए रहें तैयार

जयपुर। राजस्थान में इन दिनों भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। खासकर जयपुर में लगातार हो रही बारिश की वजह से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां पिछले 3-4 दिन से भारी बारिश दर्ज की गई है। मानसून की दस्तक ने राजस्थानवासियों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को प्रदेश में मानसून को देखते हुए अत्यधिक वर्षा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां रखने के निर्देश दिये। उन्होंने जयपुर, कोटा एवं अजमेर में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए।
गहलोत ने मंगलवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की समीक्षा करते हुए सभी जिलाधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए पूरी तैयारी रखने को कहा। उन्होंने आन्ध्र प्रदेश की तर्ज पर ''कैचमेन्ट एरिया'' में छोटे-छोटे बांध बनाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जयपुर, कोटा एवं अजमेर में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। प्रदेश के 20 जिलों में एसडीआरएफ तथा सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा बचाव दलों की तैनाती की गई है। जिलाधिकारियों को आवश्यकतानुसार नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवकों की अतिरिक्त तैनाती करने के लिए अधिकृत किया गया है। सेना से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि मौसम विभाग से प्राप्त चेतावनी एवं सूचना सभी जिलाधिकारियों को नियमित रूप से प्रेषित की जा रही है। बाढ़ बचाव एवं राहत कार्यों के लिए जिलों को उनकी मांग के अनुसार राशि का आवंटन किया जा रहा है। बैठक में मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अगले एक माह तक मानसून सक्रिय रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक औसत सामान्य वर्षा से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। चुरू एवं नागौर में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। एक सरकारी बयान के अनुसार, बैठक में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा, आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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