अनिवार्य प्राथमिकी पंजीकरण नीति लागू करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, सीएम गहलोत ने की 9 नए पुलिस थानों की शुरुआत की

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM ashok gehlot) ने कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जिसने अनिवार्य एफआईआर पंजीकरण की नीति लागू (FIR registration policy implemented) की। उन्होंने कहा कि इससे न्यायालयों (Courts) में इस्तगासों में कमी आई है तथा महिला दुराचार (female misconduct) के प्रकरणों की जांच में लगने वाला औसत समय भी 287 दिनों से घटकर 140 दिन रह गया है। वह करीब 34 करोड़ रूपए की लागत से तैयार 15 पुलिस थानों के नवीन भवन के लोकार्पण तथा नवसृजित 9 पुलिस थानों की शुरूआत के समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बलात्कार के प्रकरणों में वर्ष 2017-18 में करीब 33 प्रतिशत महिलाओं को प्राथमिकी के लिए अदालत जाना पड़ता था। अब यह आंकड़ा घटकर 16 प्रतिशत रह गया है।
वर्ष 2019 में महिला अत्याचारों (women atrocities) के 34 प्रतिशत प्रकरण पूरे देश में लंबित थे, जबकि राजस्थान में महिला अत्याचारों के प्रकरणों का प्राथमिकता से निस्तारण करने के कारण वर्ष के अंत तक मात्र नौ प्रतिशत प्रकरण लंबित थे। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे कई राज्यों में कम Registration के बावजूद राजस्थान से ज्यादा प्रकरण लंबित थे। उन्होंने जयपुर (Jaipur), झुंझुनूं (Jhunjhunu), टोंक (Tonk), हनुमानगढ़ (Hanumangarh), पाली (Pali), चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) और राजसमन्द (Rajasmand) में एक-एक, उदयपुर (Udaipur) में दो और भीलवाड़ा (Bhilwara) एवं नागौर (Nagaur) में तीन-तीन थानों के नए भवन का लोकार्पण किया तथा जयपुर (Jaipur) पूर्व और डूंगरपुर (Dungarpur) में दो-दो, चूरू, हनुमानगढ़, उदयपुर, अलवर और चित्तौड़गढ़ में एक-एक नए थाने की शुरूआत की। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आमजन को त्वरित न्याय, अपराधियों में भय और बेहतर कानून व्यवस्था के लिए राज्य सरकार पुलिस के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
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