गहलोत की प्रदेशवासियों से अपील- कोरोना को देखेते हुए स्व-अनुशासन में रहकर मनाएं दीपावली

गहलोत की प्रदेशवासियों से अपील- कोरोना को देखेते हुए स्व-अनुशासन में रहकर मनाएं दीपावली
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से इस वर्ष दीपावली का त्योहार स्व-अनुशासन में रहकर मनाने का आग्रह किया है। गहलोत ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के आधार पर प्रदेशवासियों से अपील की है वे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस वर्ष दीपावली का त्योहार स्व-अनुशासन में रहकर मनाएं और पटाखों के प्रयोग से बचें।

जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अपने चरम पर हैं। प्रदेश सरकार इस घातक बीमारी से लड़ने की हर मुमकिन कोशिशों में लगी है। इसी को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से इस वर्ष दीपावली का त्योहार स्व-अनुशासन में रहकर मनाने का आग्रह किया है। गहलोत ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह के आधार पर प्रदेशवासियों से अपील की है वे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस वर्ष दीपावली का त्योहार स्व-अनुशासन में रहकर मनाएं और पटाखों के प्रयोग से बचें। मुख्यमंत्री ने वीडिया कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। बैठक में सभी विशेषज्ञों की राय थी कि पटाखों से होने वाला धुआं और प्रदूषण आमजन के साथ-साथ कोरोना संक्रमित रोगियों तथा कोरोना से ठीक हुए व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से घातक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एक सरकारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल प्रदेश के जिलों में पहले से ही पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध है। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने पटाखों के उपयोग को प्रतिबंधित करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं।

गहलोत ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे कोरोना वायरस के पैटर्न में बदलाव का अध्ययन कर अपना चिकित्सकीय प्रोटोकॉल निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि यह देखने में आ रहा है कि संक्रमित रोगियों के नेगेटिव होने के बाद भी उन पर वायरस का असर बरकरार रहता है। विभिन्न जिलों में कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के साथ इस पैटर्न की जानकारी साझा करें और उन्हें बेहतर इलाज के लिए समय-समय पर समुचित सलाह देते रहें।

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