राजस्थान में ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी- सीएम अशोक गहलोत ने 59 Oxygen Plant लगाने की दी स्वीकृति

राजस्थान में ऑक्सीजन की नहीं होगी कमी- सीएम अशोक गहलोत ने 59 Oxygen Plant लगाने की दी स्वीकृति
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कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में 59 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। प्लांट लगाने की संपूर्ण प्रक्रिया के लिए 9 वरिष्ठ अधिकारयों की उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

जयपुर। राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ साथ ऑक्सीजन की समस्या भी गरमाती जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से भी ऑक्सीजन की कमी में सहयोग की अपील की थी। अब राजस्थान में इस समस्या को लेकर अच्छी खबर आ रही है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में 59 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। प्लांट लगाने की संपूर्ण प्रक्रिया के लिए 9 वरिष्ठ अधिकारयों की उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जयपुर में जेडीए की ओर से 2 हजार सिलेंडर क्षमता का प्लांट लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स्वीकृति के बाद इसका एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी किया गया। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में उनके निवास पर बुधवार को इस संबंध में बैठक हुई।

नई तकनीक से लगाए जाएंगे प्लांट

यूडीएच की ओर से बनाई गई समिति प्रदेश के राजकीय चिकित्सालय में अलग-अलग क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए निर्धारित तकनीकी मापदण्ड तकनीक का निर्धारण करेगी। समिति ने प्लांट के एक वर्ष के संचालन व रखरखाव, दो साल की वारण्टी, डीएलपी के साथ पीसीए टेक्नोलाॅजी सहित प्लान्ट निर्माताओं के पूर्व अनुभव वित्तीय क्षमताओं, नियमों एवं शर्तों को शामिल करते हुए ईओआई जारी की। बैठक में प्रमुख सचिव यूडीएच कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा, जेडीसी गौरव गोयल, डीएलबी निदेशक दीपक नन्दी, मुख्य अभियन्ता भूपेन्द्र माथुर उपस्थित थे।

प्लांट की 50 से 2 हजार सिलेंडर तक की होगी क्षमता

प्रदेश के 59 शहरी निकायों में स्थित राजकीय चिकित्सालयों में 50 सिलेण्डर से 2000 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट्स का प्रतिदिन उत्पादन 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के बराबर होगा। प्लान्ट्स से प्रतिदिन 12 हजार सिलेण्डर भरे जा सकेंगे। जो कि 6 हजार बेड के लिए पर्याप्त होंगे। इसी प्रकार उत्पादित ऑक्सीजन पाइपालाइन के जरिए 7500 बेड को उपलब्ध कराई जा सकेगी। इस काम पर लगभग 120-125 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पैसा निकाय, विकास न्यास और प्राधिकरण की ओर से खर्च किया जाएगा। सभी प्लांट्स दो महीने में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

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