राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज, सड़कों पर उतरी कांग्रेस, जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन

राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज, सड़कों पर उतरी कांग्रेस, जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन
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राजस्थान में राजनीतिक संकट दिन-बदिन गहराता जा रहा है। प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्ती सीएम सचिन पायलट के बीच विवाद हुआ है तब से यहां सियासी हलचल तेज है। प्रदेश सरकार के मंत्री और विपक्ष के मंत्रियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस ने 'भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ' शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया।

जयपुर। राजस्थान में राजनीतिक संकट दिन-बदिन गहराता जा रहा है। प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्ती सीएम सचिन पायलट के बीच विवाद हुआ है तब से यहां सियासी हलचल तेज है। प्रदेश सरकार के मंत्री और विपक्ष के मंत्रियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस ने 'भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ' शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया।

कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। पार्टी के सारे विधायक व मंत्री हालांकि जयपुर के पास एक होटल में रुके हुए हैं इसलिए इन धरना-प्रदर्शनों की अगुवाई बाकी नेता कर रहे हैं। राजधानी जयपुर के साथ साथ जोधपुर व बीकानेर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किये जा रहे हैं।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को कहा था कि भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ कल सुबह 11 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन किए जाएंगे और धरना दिया जाएगा।

क्या है मामला?

दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद से राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। सीएम गहलोत विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं। इसी मांग को लेकर शुक्रवार को भी गहलोत और कांग्रेसी विधायकों ने राजभवन में धरना भी दिया था। वहीं उन्होंने राज्यपाल पर आरोप भी लगया कि ऊपरी दबाव के चलते राज्यपाल सत्र नहीं बुला रहे हैं।

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