राजस्थान सरकार ने जारी किया आदेश- निजी अस्पतालों के नजदीक आने वाले होटलों में भी हो सकेगा कोरोना के मरीजों का इलाज

जयपुर। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर संख्या बढ़ाने के वास्ते राजस्थान सरकार ने निजी अस्पतालों को अपने निकटवर्ती होटलों का इस्तेमाल कोविड देखभाल केंद्र के रूप में करने की अनुमति दे दी है। इस तरह के केंद्रों में लक्षणमुक्त मरीजों को रखा जा सकेगा। राज्य सरकार ने इस बारे में शनिवार को आदेश जारी किया। इसके अनुसार निजी चिकित्सालय निकट के होटल के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर उनका इस्तेमाल देखभाल केंद्र के रूप में करने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर से अनुमति ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन करना होगा। इसके साथ ही सरकार ने इसके लिए होटलों को तीन श्रेणी में बांटते हुए उपचार की अधिकतम दर भी निर्धारित की हैं। स्टैंडर्ड क्लास के होटल में बनने वाले कोविड देखभाल केंद्र में उपचार के लिए प्रतिदिन दर 3000 रुपये, मध्यम श्रेणी होटल के लिए 4000 रुपये और उच्च श्रेणी के होटल के लिए 5000 रुपये प्रतिदिन तय की गई है। होटल में स्थापित देखभाल केंद्रों में भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निजी अस्पताल की होगी।
प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि राज्य के राजकीय व निजी चिकित्सालय चिकित्सा संस्थानों में बिना लक्षण वाले कोरोना वायरस संक्रमित मरीज भी भर्ती हैं और विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद पाया गया है कि इस प्रकार के मरीजों को किसी विशेष चिकित्सा उपचार की आवश्यकता न होकर चिकित्सकीय परीक्षण की आवश्यकता होती है। ऐसे बिना लक्षण वाले मरीजों को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए बनाए गए विशेष अस्पताल में भर्ती करने की बजाय देखभाल केंद्र में भर्ती किया जाना चाहिए। आदेश में कहा गया है कि ऐसे बिना लक्षण वाले मरीजों को चिकित्सालयों में भर्ती करने से बिस्तर अनावश्यक रूप से भरे रहते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान हालात में संक्रमित मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध कराने व बिना लक्षण वाले मरीजों को समुचित चिकित्सकीय निगरानी में रखे जाने के लिए निजी अस्पतालों में भी अलग से कोविड देखभाल केंद्र स्थापित किया जाना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अब तक कुल मिलाकर 88,515 लोग घातक वायरस की चपेट में आ चुके हैं जिनमें से 15,409 रोगी उपचाराधीन हैं।
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