किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन तेज, अनिश्चित काल तक बढ़ाने का किया निर्णय

अमृतसर। हाल में संसद द्वारा पारित तीन नये कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे किसानों ने छठे दिन भी 'रेल रोको' आंदोलन जारी रखा और इसे अनिश्चित काल तक बढ़ाने का निर्णय किया है। 'किसान मजदूर संघर्ष समिति' के बैनर तले किसान 24 सितम्बर से ही राज्य में विभिन्न स्थानों पर रेलवे पटरियों पर धरना दिये हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे केंद्र के खिलाफ आंदोलन को तेज करेंगे और टांडा, मुकेरियां, जालंधर, अमृतसर तथा फिरोजपुर में रेल पटरियों पर जाम जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारी 'किसान विरोधी' तीन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
पंजाब में रेल सेवाएं निलंबित
बहरहाल, किसानों के आंदोलन के बीच पंजाब में रेल सेवाएं निलंबित हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को किसानों ने सर्वसम्मति से कुछ निजी कंपनियों के बहिष्कार का संकल्प लिया और आरोप लगाया कि केंद्र के कृषि कानून का उद्देश्य कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाना है। समिति के राज्य महासचिव श्रवण सिंह पंधेर ने कृषि कानूनों को 'किसान विरोधी' करार दिया और कहा कि निजी कंपनियां किसानों का शोषण करेंगी। एक अन्य किसान नेता शविंदर सिंह चौटाला ने कहा कि अगले महीने रेल रोको आंदोलन को और तेज किया जाएगा और लोगों से अपील की कि आगे आकर किसानों का समर्थन करें। फिरोजपुर जिले में भी प्रदर्शनकारी किसानों ने कुछ निजी कंपनियों का बहिष्कार करने का संकल्प लिया। वे लगातार छठे दिन बस्ती टंकन वाली के नजदीक रेल पटरियों को जाम किए हुए हैं। किसानों को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के राज्य अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि किसानों ने हर उत्पाद का बहिष्कार करने का निर्णय किया है जो कुछ कॉरपोरेट घरानों से आते हैं। पन्नू ने दावा किया कि केंद्र सरकार देश में कुछ कॉरपोरेट घरानों के हितों को बढ़ावा देना चाहती है। उन्होंने घोषणा की कि किसान कानूनों का पुरजोर विरोध करेंगे।
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