फर्टिलाइजर घोटाला : सीएम गहलोत के करीबियों पर ईडी ने कसा शिकंजा, भाई के ठिकानों पर मारे छापे

फर्टिलाइजर घोटाला : सीएम गहलोत के करीबियों पर ईडी ने कसा शिकंजा, भाई के ठिकानों पर मारे छापे
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राजस्थान में जारी सियासी संग्राम थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जब से विवाद बढ़ा है तब से यहां राजनीतिक हलचल जारी है। अब ईडी ने भी सीएम अशोक गहलोत की परेशानियां बढ़ा दी हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फर्टिलाइजर घोटाले में ईडी आज कई जगहों पर छापेमारी कर रही है।

राजस्थान में जारी सियासी संग्राम थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जब से विवाद बढ़ा है तब से यहां राजनीतिक हलचल जारी है। अब ईडी ने भी सीएम अशोक गहलोत की परेशानियां बढ़ा दी हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फर्टिलाइजर घोटाले में ईडी आज कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। ईडी की छापेमारी सीएम गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के यहां भी जारी है।

बीते दिनों ही सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत का नाम फर्टिलाइजर घोटाले में आया था। आरोप है कि अग्रसेन गहलोत ने 2007 से 2009 के बीच किसानों के लिए ली गई उर्वरक को प्राइवेट कंपनियों को दिया गया। इस दौरान केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी और राज्य में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे।

दरअसल, म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) निर्यात के लिए प्रतिबंधित है। एमओपी को भारतीय पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) द्वारा आयात किया जाता है और किसानों को रियायती दरों पर वितरित किया जाता है। आरोप है कि 2007-2009 के बीच अग्रसेन गहलोत, (जो आईपीएल के लिए अधिकृत डीलर थे) ने रियायती दरों पर एमओपी खरीदा और किसानों को वितरित करने के बजाय उन्होंने इसे कुछ कंपनियों को बेच दिया। राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2012-13 में इसका खुलासा किया था। मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम के भाई की कंपनी पर सात करोड़ की पेनल्टी भी लगाई गई है।

विपक्ष ने लगाए थे आरोप

भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगया था कि राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई की कंपनी ने कथित रूप से सब्सिडी वाले उर्वरक का निर्यात किया, जो घरेलू उपभोग के लिए था। बीजेपी ने कहा था कि अग्रसेन गहलोत की कंपनी ने देश के किसानों के लिए आयात किए जाने वाले उर्वरक, पोटाश के मूरेट का निर्यात किया था।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि यह सब्सिडी की चोरी का एक स्पष्ट मामला है और यह सब 2007 से 2009 के बीच हुआ, जब कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए केंद्र में सत्ता में थी। उस समय अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। जिस तरह सस्ती दर पर उर्वरक का निर्यात किया गया था, संदेह उठाता है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला हो सकता है।

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