राजस्थान में उप चुनाव को लेकर नेताओं से लिए जा रहे फीडबैक, गहलोत व पांडे ने शुरू की तैयारी

राजस्थान में उप चुनाव को लेकर नेताओं से लिए जा रहे फीडबैक, गहलोत व पांडे ने शुरू की तैयारी
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राजस्थान में सियासी उठा पटक का दौर जारी है। सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद अफवाहों का दौर भी गरम हो गया है। हर कोई बयानबाजी में व्यस्त है। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में उप चुनाव को लेकर स्थानीय नेताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है।

जयपुर। राजस्थान में सियासी उठा पटक का दौर जारी है। सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद अफवाहों का दौर भी गरम हो गया है। हर कोई बयानबाजी में व्यस्त है। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में उप चुनाव को लेकर स्थानीय नेताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। गहलोत व पांडे की जोड़ी ने रणनीति के तहत पायलट सहित 19 विधायकों की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कराने को लेकर सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी के समक्ष याचिका दायर कराई।

जोशी ने भी मुस्तैदी दिखाते हुए रात में विधानसभा खुलवा कर नोटिस जारी कर दिए। जिन विधायकों के परिजनों ने नोटिस नहीं लिए उनके घरों के बाहर चस्पा कर दिए गए। विधायकों से 17 जुलाई दोपहर 1 बजे तक जवाब मांगा गया है। लेकिन कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि गहलोत, पांडे और जोशी ने भविष्य की रणनीति पहले से ही तैयार कर रखी है। गहलोत समर्थकों को पक्का विश्वास है कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद जोशी सभी बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त कर देंगे।

दरअसल, सदस्यता समाप्त कराने के पीछे यह तर्क दिया गया है कि पायलट सहित अन्य विधायकों ने विधायक दल की बैठक में शामिल होने को लेकर जारी किए गए व्हिप को नहीं माना। हालांकि संविधान के जानकारों का मानना है कि व्हिप विधानसभा के अंदर लागू होता है बाहर नहीं, इसलिए यदि इस आधार पर बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाती है तो वे हाईकोर्ट जा सकते हैं।

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