टीकों की बर्बादी का मामला : राज्यपाल कलराज मिश्र बोले- उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, भाजपा ने की श्वेत पत्र लाने की मांग

जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस का प्रकोप अभी पूरी तरह से थमा नहीं था कि अब यहां इस बीमारी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रहा टीकों की बर्बादी का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है। इस मामले को लेकर जारी विवाद के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने इस बारे में छपी खबरों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को पत्र लिखा और प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाने को कहा। वहीं, भाजपा ने जब राज्य सरकार से इस मामले में श्वेत पत्र लाने की मांग की, तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा कि केन्द्र सरकार की टीकाकरण नीति विफल होने पर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा द्वारा कांग्रेस शासित राज्यों के खिलाफ इस तरह के अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं।
राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखे पत्र में कोरोना के जीवन रक्षक टीके की बर्बादी के संबंध में प्रकाशित समाचारों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया और इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाने के निर्देश दिए। राजभवन द्वारा जारी बयान के अनुसार राज्यपाल ने राज्य सरकार को राज्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोके जाने हेतु प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर टीके की प्रत्येक खुराक को एक-एक व्यक्ति का रक्षा कवच समझ उसका सदुपयोग करने की दिशा में कार्रवाई करने को कहा है। मिश्र ने कोरोना वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न हुई राष्ट्रव्यापी विपदा के इस काल में नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए टीके को ही एकमात्र सटीक उपाय बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण के सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है किन्तु जीवन रक्षक टीके के बर्बादी के संबंध में प्रकाशित कतिपय समाचार गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने इस संबंध में राज्य सरकार स्तर पर प्रभावी कार्रवाई किए जाने और प्रकरण के संबंध में की जाने वाली कार्रवाई से उन्हें यथाशीघ्र अवगत कराने की भी उम्मीद की है।
उधर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को टीकाकरण पर श्वेत पत्र लाना चाहिए। राठौड़ ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने राजस्थान की मर्यादा को कांग्रेस आलाकमान की चौखट पर रख दिया है। राज्य सरकार सिर्फ अपने आलाकमान की सुनती है और यह भूल गई कि राज्य में उनकी सरकार है जबकि आलाकमान विपक्ष में है।
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