राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन जारी, रेल यातायात प्रभावित

राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन जारी, रेल यातायात प्रभावित
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गुर्जरों का आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन अभी भी जारी है। गुर्जर अपनी मांगों को लेकर सरकार सामने अड़े हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को लेकर सरकार के साथ हुई बातचीत में कोई ठोस सार्थक परिणाम सामने नहीं आने के बीच आंदोलन जारी है।

गुर्जरों का आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन अभी भी जारी है। गुर्जर अपनी मांगों को लेकर सरकार सामने अड़े हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को लेकर सरकार के साथ हुई बातचीत में कोई ठोस सार्थक परिणाम सामने नहीं आने के बीच आंदोलन जारी है।

उधर कोटा मण्डल के डुमरिया-फ तेहसिंहपुरा रेलवे स्टेशनों के बीच गुर्जर आन्दोलन के चलते रेल यातायात बाधित होने से इस रेलखण्ड में रेल यातायात प्रभावित रहा। एहतियात के तौर पर रेल प्रशासन ने 4 नवम्बर को चलने वाली दोनों जनशताब्दी ट्रेन निरस्त कर दी। निजामुद्दीन से चलने वाली 02954 निजामुद्दीन-मुम्बई सेण्ट्रल तथा मुम्बई सेंट्रल से रवाना होने वाली 02953 मुम्बई सेंट्रल राजधानी भी निरस्त रही। कोटा से चलने वाली कोटा-उधमपुर को भी निरस्त कर दिया।

गुर्जर आंदोलन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल पर हिंडौन सिटी-बयाना रेल खंड पर यातायात अवरूद्ध होने से 10 यात्री रेलों को परिवर्तित मार्ग से संचालित किया गया। आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोडी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आंदोलनकारियों के दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पटरी पर बैठे होने के कारण रेलवे ने कई रेलों के मार्ग में बदलाव किया वहीं रोडवेज ने कुछ बसों का संचालन बंद कर दिया।

गुर्जर अपनी छह मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इनकी मांगों में समझौते और चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार बैकलॉग रिक्तियों को अधिसूचित करना, सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण व आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना शामिल है।

पीलूपुरा में कर्नल बैंसला ने संवाददाताओं से बातचीत मेंकहा कि वह खुद चाहते हैं कि इसका समाधान जल्दी निकले क्योंकि वे कोई समाधान नहीं निकलने की स्थिति में आंदोलनकारियों द्वारा सड़क व रेलमार्ग बंद किए जाने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार के साथ बातचीत के लिये तैयार हैं लेकिन शर्त है कि हमारी मांग पूरी हो.. हम कब मना कर रहे हैं बात करने के लिये।

अगर हमारी मांगें पूरी हो जाती हैं तो.. हमें कोई बैठने का शोक थोड़े है.. हम नहीं बैठेंगे। वहीं राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नीरज के. पवन ने पीलूपुरा में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार मुद्दे पर समाधान ढूंढने का प्रयास कर रही है।

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