जहरीली हवा : दिल्ली समेत 22 जगह सबसे अधिक प्रदूषित, इनमें हरियाणा और यूपी के कई शहर शामिल

देश में वायु प्रदूषण को लेकर जारी तमाम सरकारी कवायदों के बावजूद हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजधानी दिल्ली समेत देश के कुल करीब सात दर्जन से अधिक शहरों में प्रदूषण के बिगड़ते हालात से स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। इसकी पुष्टि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शुक्रवार शाम को जारी किए गए कुल 126 शहरों के आंकड़ों में भी साफ तौर पर हो रही है। बोर्ड के हिसाब से इनमें वायु प्रदूषण को मापने वाली उसकी अलग-अलग श्रेणियों में शुमार खराब में कुल 22 शहर शामिल हुए हैं। इसमें दिल्ली भी शामिल है। जबकि बेहद खराब की श्रेणी में 2 शहर और मॉडरेट में सबसे ज्यादा 47 शहर शामिल हैं। लेकिन इन सभी जगहों पर प्रदूषण को मारक बनाने के पीछे कमोबेश एक जैसे कारक ही जिम्मेदार हैं, जिसमें पीएम 10, पीएम 2.5, और ओ 3 की सबसे ज्यादा भूमिका है। वायु प्रदूषण के बिगड़ते हालातों से आम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई प्रकार की परेशानियां हो रही हैं, जिसमें मुख्य रूप से सांस और फेफड़ों से जुड़ी हुई समस्याएं हैं।
ये 22 शहर खराब की श्रेणी में शामिल
सीपीसीबी के डेटा के हिसाब से खराब की श्रेणी में शामिल 22 शहरों में दिल्ली, आगरा, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, मुज्जफरनगर, मुज्जफरपुर, पटना, वाराणसी, वत्व और मुख्य हैं। इनमें हरियाणा के बहादुरगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर शामिल हैं। इन सभी में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 से 300 के बीच में पहुंच गया है। दिल्ली का एक्यूआई 218 रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी का यह आंकड़ा सीपीसीबी ने कुल उसके 29 निगरानी स्टेशनों से एकत्रित किया है। इसके अलावा आगरा में एक्यूआई 201, बागपत में 289, बहादुरगढ़ में 224, फरीदाबाद 243, गुरुग्राम में 263, पानीपत 207, रोहतक 227, सोनीपत में 259 और यमुनानगर में 255 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है।
बेहद खराब में 2, मॉडरेट में 47 शहर
बोर्ड की वायु प्रदूषण को अति-चिंताजनक श्रेणियों में शमिल बेहद खराब की श्रेणी में भारत के दो शहर शामिल हुए हैं। इमसें उत्तर प्रदेश का मेरठ और मध्य प्रदेश का सिंगरौली मुख्य हैं। दोनों शहरों का एक्यूआई 300 का आंकड़ा पार कर गया है। इसमें सिंगरौली 312 और मेरठ 308 पर बना हुआ है। इसके अलावा दोनों ही शहरों में वायु प्रदूषण को इतना दमघोंटू बनाने के पीछे पीएम 2.5 और पीएम 10 की सर्वाधिक भागीदारी सामने आई है। पिछले कुछ वक्त से बने हुए ट्रेंड की तर्ज पर ही अब भी मॉडरेट की श्रेणी में सबसे ज्यादा 47 शहर शामिल हैं। अगरतला, अलवर, अंकलेश्वर, आसनसोल, ओरंगाबाद, बल्लभगढ़, भटिंडा, भोपाल, कटनी, इंदौर, कटनी, उज्जैन, ग्वालियर, भिवाड़ी, भिवानी, चंडीगढ़, देवास, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, हिसार, कैथल, जींद जैसे शहर इसमें प्रमुख हैं। यहां भी वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी के पीछे पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कारक ही जिम्मेदार हैं। इन शहरों में एक्यूआई की स्थिति देखें तो मध्य प्रदेश के भोपाल में एक्यूआई 114, ग्वालियर में 101, इंदौर में 148, देवास में 113, उज्जैन में 173, कटनी में 134 दर्ज किया गया है।
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