Rajasthan Crisis : मायावती ने गहलोत सरकार को लिया आड़ों हाथ, बोलीं- सबक सिखाने का सही समय आ गया

राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी रोजाना कोई न कोई मोड़ ले रही है। यहां जारी सियासी घमासान में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों शोरों पर है। अब इस घमासान में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एन्ट्री ली है। मायावती ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों का 'असंवैधानिक तरीके' से विलय कराने के लिए कांग्रेस एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबक सिखाना जरूरी है तथा छह विधायकों के मुद्दे पर बसपा उच्चतम न्यायालय तक जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और गहलोत को सबक सिखाने के लिए बसपा सही समय का इंतजार कर रही थी।
बोलीं- गहलोत ने बसपा को गंभीर नुकसान पहुंचाया
मायावती ने एक बयान में कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा ने कांग्रेस को बिना मांगे समर्थन दिया था ताकि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखा जा सके। बसपा प्रमुख ने दावा किया कि दुख की बात यह है कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियती से बसपा को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे सभी छह विधायकों को कांग्रेस में मिलाने की खातिर असंवैधानिक तरीके से कार्य किया। यही कृत्य उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में किया था।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गहलोत का कदम संविधान की 10वीं अनुसूची के विरुद्ध है। इसलिए बसपा के विधायकों को व्हिप जारी किया गया है कि वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें। यह निर्णय कांग्रेस की तरफ से बार बार धोखा दिए जाने के कारण लिया गया। उनके मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस की रहती है या नहीं रहती है, इसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस और अशोक गहलोत की होगी।
बसपा, कांग्रेस में तकरार की ये है वजह
दरअसल, बहुजन समाज पार्टी ने अपने 6 विधायकों के लिए एक व्हिप जारी किया, जिसमें कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट डालने की बात कही गई। हालांकि, विधायकों ने कहा कि वह अब कांग्रेस में हैं और अशोक गहलोत का ही समर्थन करेंगे। यही कारण है कि बसपा, कांग्रेस में तकरार बढ़ गई है।
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