पायलट गुट की ओर से हाईकोर्ट में दी गई दलील- मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज उठाना बगावत नहीं

जयपुर। राजस्थान में सियासी उठा पटक का दौर जारी है। कांग्रेस के बागी हुए सचिन पायलट और उनके विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिस पर दोपहर 1 बजे से राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। सचिन पायलट गुट की ओर से दायर की गई याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। पायलट गुट की ओर से हरीश साल्वे अपने तर्क रख रहे हैं। दलील दी गई है कि पार्टी के अंदर रहकर मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज उठाना बगावत नहीं है। ये सुनवाई अभी भी जारी है।
फिलहाल सुनवाई लंच के लिए स्थगित कर दी गई है। बता दें अभी तक चली सुनवाई में सचिन पायलट ग्रुप की ओर से हरीश साल्वे ने दलील देते हुए कहा कि पायलट या अन्य 18 विधायकों ने अपना इस्तीफा नहीं दिया है। बल्कि सिर्फ़ अपनी बात रखी है। ऐसे में यह अयोग्यता की कैटेगरी के दायरे में नहीं आता है।
साल्वे ने कहा कि किसी भी एक्टिविटी से पार्टी की प्रतिष्ठा के खिलाफ कुछ नहीं किया गया है। बता दें कि मामले की सुनवाई को देखते हुए हाईकोर्ट में सख्ती कर दी गई है। मीडिया को भी कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
सचिन पायलट खेमे के पीआर मीणा और अन्य की संशोधित याचिका पर सुनवाई दोपहर 1 बजे शुरू हो चुकी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहन्ती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ कर रही है। जिसमें सचिन पायलट ग्रुप की ओर से हरीश साल्वे दलील पेश कर रहे हैं।
हरीश साल्वे ने कहा कि विधानसभा के बाहर दल बदल कानून के प्रावधान लागू नहीं। विधानसभा अध्य्क्ष को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पायलट ग्रुप ने विद्रोह नहीं किया है। फ्रीडम ऑफ स्पीच का उनको अधिकार है और उन्होंने केवल अपने अधिकार का प्रयोग किया है।
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