Petrol Pump Strike: राजस्थान में आज पेट्रोल पंप डीलर्स की हड़ताल, गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

Petrol Pump Strike: राजस्थान में आज पेट्रोल पंप डीलर्स की हड़ताल, गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
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Petrol Pump Strike: राजस्थान में आज यानी 1 अक्टूबर को पेट्रोल नहीं मिलेगा। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखने का आह्वान किया है। पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...

Strike On Petrol And Diesel: पंजाब के समान राजस्थान में भी वैट कम करने की मांग को लेकर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (Rajasthan Petroleum Dealers Association) ने फिर से हडताल शुरू कर दी हैं। राजस्थान में पेट्रोलियम पंप एसोसिएशन ने 1 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक राज्य के सभी पेट्रोल पंप बंद रखने के लिए कहा है। साथ ही, उनकी तरफ से सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा गया कि अगर वे उनकी शर्तों पर राजी नहीं होते हैं तो 2 अक्टूबर से पेट्रोल पंप अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

क्या है पेट्रोल पंप संचालकों की मांगें

पेट्रोलियम पंप एसोसिएशन की मांग है कि पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए वैट (VAT) में कटौती की जाए। इससे पहले 13 और 14 सितंबर को दो दिन तक बंद का आह्वान किया गया था। हालांकि, सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। इसके बाद 15 सितंबर को सरकार से पेट्रोलियम पंप एसोसिएशन की बातचीत के हड़ताल खत्म कर दी गई थी। इस शर्त पर हड़ताल खत्म की गई थी कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने कहा था कि इस मामले को लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। हालांकि, कमेटी ने अभी तक सरकार को अभी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। इसलिए पेट्रोलियम पंप एसोसिएशन दोबारा से हड़ताल पर चले गए हैं।

गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) पर पड़ोसी राज्य पंजाब और गुजरात की सरकारों की तुलना में पेट्रोल और डीजल के लिए अधिक शुल्क वसूलने का आरोप है। यही कारण है कि पेट्रोल पंप चालक लगातार वैट कम करने की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और हड़ताल पर जा रहे हैं। पंजाब के मुकाबले राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल करीब 14 रुपये प्रति लीटर महंगा है। पंजाब के मुकाबले डीजल की कीमतों में भी 10 रुपये प्रति लीटर का अंतर है।

मौजूदा हालात में आम लोगों के साथ-साथ पंप संचालकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बातचीत के दौरान मंत्री खाचरियावास ने तीन मांगों पर सहमति जताई जिसमें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करना, पेट्रोल पंप संचालकों का कमीशन बढ़ाना, हनुमानगढ़ और गंगानगर में पेपर डिपो खोलना शामिल है, लेकिन समय खत्म होने के बाद भी सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। अब चुनाव पर नजर रखते हुए पेट्रोल पंप संचालक लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। अगर सरकार ने वैट कम नहीं किया तो पेट्रोल पंप डीलर्स हड़ताल जारी रखेंगे।

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