राजस्थान में राहुल आने से पहले गुर्जर समाज लामबंद, सरकार ने विजय बैंसला को बातचीत के लिए बुलाया

राजस्थान में राहुल आने से पहले गुर्जर समाज लामबंद, सरकार ने विजय बैंसला को बातचीत के लिए बुलाया
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राजस्थान में गुर्जर समाज के नेता विजय बैंसला ने भारत जोड़ो यात्रा का राज्य में विरोध करने की चेतावनी दे रखी है। ऐसे में गहलोत सरकार ने बैंसला को आज बातचीत के लिए बुलाया है ताकि इस विवाद को खत्म किया जा सके। पढ़िये रिपोर्ट...

राजस्थान के सियासी हलचल को शांत करने के लिए राज्य सरकार ने गुर्जर समाज के नेता विजय बैंसला को प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने के लिए बुलाया है। कुछ ही दिन पहले विजय बैंसला ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में प्रवेश करने पर विरोध करने की धमकी दी थी। इस यात्रा में कोई रुकावट ना हो, इससे पहले ही राजस्थान सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं को बातचीत करने के लिए सोमवार सुबह सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बातचीत के दौरान गुर्जर समिति की ओर से विजय बैंसला समेत 10 प्रतिनिधि और सरकार की ओर से मंत्री डॉ.बीडी कल्ला, राजेंद्र यादव मंत्री अशोक चांदना, जोगिंदर सिंह अवाना बैठक में मौजूद होंगे। इस बातचीत से गुर्जर समिति के लंबे समय से मांगों को हल निकाला जाएगा।

यह है विरोध की वजह

गुर्जरों की मांग है कि राजस्थान सरकार ने 2019 और 2020 में समाज के साथ समझौते किए थे। आश्वासन दिया था कि आरक्षण आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर दर्ज केस वापस किए जाएं। साथ ही, देवनारायण योजना में बच्चों की रुकी छात्रवृत्ति जारी करने, विभिन्न भर्तियों में 233 और 372 युवाओं को नौकरी देने, प्रक्रियाधीन भर्तियों को पूरा करने और बैकलॉग खत्म करने संबंधित कई अन्य मांगें थीं, जिस पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ। गुर्जर समाज का कहना है कि सरकार को इन मांगों को अक्षरश: पालन करना चाहिए। ऐसा नहीं किया तो हम राज्य में भारत जोड़ों यात्रा का विरोध करेंगे। गुर्जर समाज की इस मांग से गहलोत सरकार बैकफुट पर है और यही वजह है कि सरकार ने इस विवाद का हल निकालने के लिए बैंसला समेत तमाम समाज के बड़े नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है।

यहां से गुजरेगी भारत जोड़ो यात्रा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी। यह यात्रा सात जिलों की 18 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए गुजरेगी। यात्रा के मार्ग में आने वाले ज्यादातर इलाके गुर्जर बहुल हैं। ऐसे में गुर्जर समाज की मांगों को पूरा नहीं किया और यात्रा का विरोध हुआ तो गहलोत सरकार को हाईकमान को जवाब देना मुश्किल होगा। यही वजह है कि गहलोत सरकार इस बातचीत को लेकर बेहद संजीदा है। अब सरकार गुर्जर समाज को कितना समझा पाएगी, यह देखना भी दिलचस्प रहेगा।


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