निगम चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी राजस्थान सरकार

निगम चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी राजस्थान सरकार
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राजस्थान सरकार राज्य में छह नव गठित नगर निगमों में 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने के उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'कोरोना संक्रमण फैल रहा है और विशेषकर उन शहरों में ज्यादा है जहां पर नगर निगम के चुनाव होने हैं।

जयपुर। राजस्थान सरकार राज्य में छह नव गठित नगर निगमों में 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने के उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 'कोरोना संक्रमण फैल रहा है और विशेषकर उन शहरों में ज्यादा है जहां पर नगर निगम के चुनाव होने हैं। ऐसी स्थिति में हमारी सरकार ने यह निर्णय किया है कि हम उच्चतम न्यायालय जायेंगे क्योंकि चुनाव से ज्यादा जरूरी राज्य के लोगों की जीवन रक्षा है।'

डोटासरा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उच्चतम न्यायालय से चुनाव को लेकर अगर कोई राहत नहीं मिलती है तो आज की तारीख में मौजूदा राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ का जो फैसला है उसके हिसाब से हम तैयार हैं। उच्चतम न्यायालय से राहत नहीं मिलती है तो मैं समझता हूं कि चुनाव होंगे इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के तमाम नेता भी इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर चुनाव हुए तो कोरोना वायरस संक्रमण फैलेगा तो हम सब लोग उनसे भी बात कर रहे हैं और एक आम सहमति बनकर अगर हम उच्चतम न्यायालय जाये और अगर कोई राहत मिलती है तो महामारी में चुनाव टाला जा सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में चुनाव होंगे तो हम तैयार हैं।

हाईकार्ट ने क्या कहा था?

उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से जयपुर, जोधपुर, और कोटा में नगर निगमों के चुनाव को आगे बढाने के आवेदन को निरस्त कर दिया था। निजी विद्यालयों द्वारा महामारी में वसूली जा रही ट्यूशन फीस को लेकर शिक्षा मंत्री डोटासरा ने कहा कि ''सरकार इस संकट काल में लोगों के साथ खड़ी है किसी भी अभिभावक से बिना पढाये कोई फीस नहीं ले।''

उन्होंने कहा, ''जब तक स्कूल नहीं खुलते तब तक पाठयक्रम लागू नहीं होता और जब तक पाठयक्रम लागू नहीं तो फीस भी कैसे अभिभावक देगा। ऑनलाईन पढाई के लिये कितनी फीस देनी चाहिए कितनी नहीं देनी चाहिए और ट्यूशन फीस का क्या दायरा होना चाहिए यह सब चीजें मैं समझता हूं कि लोगों की संज्ञान में थी और हमारे संज्ञान में लाये और हमने उच्च न्यायालय मे सारी तथ्य रखे है। उसके आधार पर फैसला आ जायेगा।''

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