राजस्थान की अदालत ने नगर निगमों के चुनाव की समय सीमा बढ़ाने संबंधी याचिका खारिज की, 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने का दिया आदेश

जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य में नव सृजित छह नगर निगमों में चुनाव कराने की समयसीमा बढ़ाए जाने संबंधी राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने जयपुर, जोधपुर और कोटा के छह नगर निगमों के लिए इस साल 31 अक्टूबर के बजाय 31 मार्च, 2021 को चुनाव कराने के अनुरोध करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी और राज्य सरकार को 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने का आदेश दिया। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि पंचायत चुनाव सुचारू ढंग से हो सकते हैं, तो नगर निगम के चुनाव नहीं कराने के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जा सकता। इससे पहले, कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।
जयपुर, जोधपुर और कोटा शहरों के तीन नगर निगमों के लिए चुनाव नंवबर 2019 में होने थे, लेकिन सरकार ने उन्हें छह नगर निगमों में विभाजित कर दिया था और वार्डों के सीमांकन के कारण चुनाव स्थगित कर दिए थे। इसके बाद कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण चुनाव स्थगित किये गये।
राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग के पास केवल एक माह का समय है। ऐसे में सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर विचार कर रही है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि हम तैयार हैं।कोर्ट के रुख को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता आरबी माथुर ने कहा कि आयोग तय समय पर चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कोर्ट जो भी आदेश पारित करेगा निर्वाचन आयोग उसे मानने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हालांकि राज्य सरकार की दलीलों के बाद आयोग ने भी कोर्ट से 15 नवंबर तक चुनाव टालने की प्रार्थना की, लेकिन कोर्ट ने उसे नहीं माना। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि निगम चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है। आयोग तय समय सीमा के अंदर चुनाव संपन्न करवाए।
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