Rajasthan Mausam Ki Jankari : भारी बारिश से कोटा में तबाही का मंजर, 40 साल का रिकॉर्ड टूटा, कई बस्तियां जलमग्न

कोटा। राजस्थान में इन दिनों मानसून की मेहरबानी से बारिश का सिलसिला जारी है। प्रदेश में अधिकतर जगहों पर मेघा इतने बरस चुके हैं कि अब बारिश ही आफत की तरह नजर आ रही है। सबसे ज्यादा दो जगहें बारिश की वजह से प्रभावित हुई हैं। बारां और कोटा में बारिश के कारण तबाही का सा मंजर दिखने लगा है। कोटा (Kota) शहर के साथ-साथ इटावा (Itawa) और सुल्तानपुर (Sultanpur) क्षेत्र में हो रही बरसात ने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट (Red alert) जारी किया है। राज्य सरकार (State Government) के अधिकारियों और कर्मचारियों के बिना अनुमति के जिला मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है।
किसानों पर आफत बनकर बरसी बारिश
कोटा जिले में भारी बारिश से सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है। किसानों के लिए बारिश आफत बनकर बरसी है। भारी बारिश से सैकड़ों खेत जलमग्न हो गए हैं। फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच गई हैं। मंगलवार से इटावा क्षेत्र के जलभराव वाले गांव में रेस्क्यू का जिम्मा SDRF की टीम संभालेगी। इसके लिये कोटा से विशेष दल इटावा पहुंच गया है।
आपदा दल लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे
कोटा शहर में सोमवार रात से लगातार भारी बरसात चल रही है। बारां जिले के हालात बिगड़ रहे हैं। आपदा दलों की ओर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल हालात पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। जल भराव से घिरे लोग खुद को बचाने की गुहार कर रहे हैं। हजारों बीघा खेतों में फसलें पानी में डूब गई हैं। कई कच्चे मकान ढह गए। कई जगह रास्ते अवरुद्ध होने से गांवों का जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया। सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति ठप है। लेकिन टापू बने गांवों से लोगों को बाहर निकालने में जनप्रतिनिधि भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। चम्बल के बांधों में भी पानी की भारी आवक हो रही है।
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