Rajasthan Mausam Ki Jankari : मानसून ने राजस्थान को किया तरबतर, नदियां उफान पर, अत्यंत भारी बारिश के साथ बाढ़ का अलर्ट जारी

Rajasthan Mausam Ki Jankari : मानसून ने राजस्थान को किया तरबतर, नदियां उफान पर, अत्यंत भारी बारिश के साथ बाढ़ का अलर्ट जारी
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राजस्थान इस मानसून की सामान्य बारिश से मात्र तीन प्रतिशत पीछे है जो एक जोरदार बारिश में आगे निकल सकता है। उधर, सूखे बांधों में भी पानी की आवक शुरू हो गई है। कई जगह बाढ़ का अलर्ट भी जारी किया गया है।

जयपुर। राजस्थान में मानसून ने पूरे प्रदेशभर को तरबतर कर दिया है। मुसलसल तेज बारिश अब कई तरह की समस्याएं खड़ी करने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की सक्रियता 5 अगस्त तक जारी रहेगी। जब तक विभाग ने अत्यंत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। खासकर झालावाड़ (Jhalawar), कोटा (Kota), बूंदी (Bundi), भीलवाड़ा (Bhilwara), बारां (Baran) और राज्य के अन्य जिलों में अत्यंत भारी बारिश (Heavy Rain Alert Issued) की संभावना जताई जा रही है। राजस्थान इस मानसून (Rajasthan Monsoon) की सामान्य बारिश से मात्र तीन प्रतिशत पीछे है जो एक जोरदार बारिश में आगे निकल सकता है। उधर, सूखे बांधों में भी पानी की आवक शुरू हो गई है। कई जगह बाढ़ का अलर्ट (flood alert) भी जारी किया गया है। आज भी प्रदेश के अधिकतर इलाकों में रिमझिम का दौर चल रहा है और अत्यंत भारी बारिश हो सकती है।

बीसलपुर बांध फिर से हो सकता है लबालब

Weather Department की माने तो राजस्थान में मानसून के दौरान अगस्त में सबसे अधिक बारिश दर्ज होती है। अगस्त की शुरुआत के साथ ही भारी बारिश हो रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस सीजन अगस्त राजस्थान को तरबतर कर देगा। साथ ही त्रिवेणी ऊंचाई पर चलेगी और बीसलपुर बांध फिर से लबालब हो जाएगा।

कई बांधों के गेट खोले गए

राज्य में मानसून की भारी बारिश के चलते कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं और कई नदियां उफान पर हैं। करौली में पांचना बांध के छह गेट खोले जा चुके हैं। पांचवा बांध की नदी भद्रावती, भैंसावट, अटाकी, बरखेड़ा सहित सभी नदी उफान पर हैं। उधर, भांडारेज की खारंडी नदी पर 5 साल बाद पानी की आवक हुई है। धौलपुर में पार्वती नदी के 22 में 19 गेट खोले गए हैं। सवाईपुर सालरिया सड़क कोठारी नदी पर बनी पुलिया पर रविवार रात से आधा फीट पानी बह रहा है। लालसोट के मोरेल बांध में पानी की आवक शुरू हो गई है। छबड़ा के हिगलोट बांध पर 40 सेंटीमीटर की चादर चल चुकी है। कोटा बैराज के दो गेट खोलकर 5 हजार क्यूसैक पानी की निकासी की जा रही है।

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