Video: लॉरेंस गैंग का सीकर में दिखा आतंक, राजू ठेहट को मारी दिन दहाड़े गोली, जानें कौन है ये गैंगस्टर

Video: लॉरेंस गैंग का सीकर में दिखा आतंक, राजू ठेहट को मारी दिन दहाड़े गोली, जानें कौन है ये गैंगस्टर
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सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के लिए जिम्मेदार लॉरेंस गैंग ने सीकर में विरोधी गैंग के गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा ने हत्या की जिम्मेदारी ली है।

सिद्धू मूसेवाला (sidhu moose wala) हत्याकांड में शामिल लॉरेंस गैंग (Lawrence Gang) का एक बार फिर से आतंक देखने को मिला है। राजस्थान के सीकर जिले में दिनदहाड़े लॉरेंस गैंग के बदमाशों ने विरोधी गैंग के गैंगस्टर राजू ठेहट (gangster raju thehat) संग उसके एक रिश्तेदार की गोली मारकर हत्या कर दी। 6 बदमाशों ने मिलकर राजू और उसके रिश्तेदार को उसके घर के सामने गोलियों से भून दिया। वारदात के बाद हमलावर हथियार लहराते हुए फरार हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। अभी तक पता चलता कि लॉरेंस बिश्नोई के बदमाश रोहित गोदारा ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ले ली।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गैंगस्टर राजू ठेहट की रंजिश लंबे समय से आनंदपाल गैंग (anandpal gang) और बिश्नोई गैंग (bishnoi gang) से चल रही थी। जिसके कारण से लॉरेंस गैंग ने राजू ठेहट संग उनके एक रिश्तेदार को गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। परिजनों ने दोनों को तुरंत कल्याण अस्पताल (Kalyan Hospital) ले पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने फौरन एक्शन लेते हुए पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी। साथ ही हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक, राजू ठेहट को तीन गोलियां लगी हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूचना मिली थी कि गैंगस्टर राजू ठेहट अपराध की दुनिया को अलविदा कर राजनीति में आने का विचार बना रहा था।

जानें कौन है गैंगस्टर राजू ठेहट, जिसकी हो रही सबसे ज्यादा चर्चा

गैंगस्टर राजू ठेहट ने अपराध की दुनिया में 1995 में एंट्री की थी। राजू ठेहट की दबंगई बहुत पहले से चली आ रही थी। लेकिन जब से आनंदपाल सिंह की मौत हुई, तब से राजू ठेहट का नाम भी राजस्थान के टॉप बदमाशों के लिस्ट में आने लगा था। राजू ठेहट गोपाल फोगावट (Gopal Phogat) के साथ मिलकर अवैध शराब का कारोबार करता था। इस क्रम में दूध का व्यापारी बलबीर बानूड़ा (Balbir Banuda) भी राजू ठेहट के साथ मिलकर काम करने लगा। जिसके बाद 1998 में राजू ठेहट और बलबीर बानूड़ा ने मिलकर सीकर में भेभाराम हत्याकांड को अंजाम दिया था। यहीं वो वक्त था जब शेखावाटी में गैंगवार की शुरुआत हुई थी। राजू ठेहट और बलबीर बानूड़ा की जोड़ी 1998 से लेकर 2004 तक अवैध शराब का कारोबार करती रही।। इस क्रम में बलबीर बानूड़ा का साला विजयपाल शराब का सेल्समैन बन गया था। लेकिन राजू ठेहट को आभास हुआ कि विजयपाल (vijaypal) बिजनेस में कुछ धोखेबाजी कर रहा है। जिसके कारण राजू ठेहट ने अपने साथी बलबीर के साले विजयपाल की हत्या कर दी। तभी से ही राजू ठेहट और बलबीर बानूड़ा की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई थी।

गैंग वार की पूरी वारदात

राजू ठेहट के साथ गोपाल फोगावट भी था। जिसके कारण से ठेहट से बदला लेना मुश्किल था। बलबीर ने अपनी पावर बढ़ाने के लिए आनंदपाल सिंह (anandpal Singh) से हाथ मिला लिया। इस क्रम में दोनों गैंग के बीच कई दफा आमना-सामना हुआ। जिसमें दोनों तरफ के लोग मारे जा रहे थे। तभी राजू ठेहट से बदला लेने के लिए बलबीर ने ठेहट के साथी गोपाल फोगावट को मार डाला। जिसके बाद राजू ठेहट के अंदर भी बदले की आग सुलगने लगी। इसी क्रम में 2012 में बलबीर बानूड़ा, आनंदपाल और राजू ठेहट तीनों की गिरफ्तारी हो गई। जिसके बाद राजू ठेहट ने अपनी गैंग की सारी ताकत अपने भाई ओमा ठेहट (Oma Thehat) को सौंप दी। इसी दौरान आनंदपाल और बलबीर बानूड़ा दोनों जेल में बंद थे, इसके साथ ही ओमा ठेहट का साला जयप्रकाश (jai prakash) और रामप्रकाश (ram prakash) भी उसी जेल में बंद थे। ओमा ठेहट ने अपने दोनों सालों के पास हथियार पहुंचाए। जिसके बाद 24 जुलाई 2014 को ओमा ठेहट के दोनों सालों जयप्रकाश और रामप्रकाश ने जेल के अंदर ही बलबीर बानूड़ा और आनंदपाल पर हमला कर दिया। जिसमें बलवीर बानूड़ा मारा गया लेकिन आनंदपाल बच गया। फिर आनंदपाल ने राजू ठेहट पर हमला किया। इसी दौरान आनंदपाल खुद एनकाउंटर में मारा गया। राजू ठेहट की जीत हुई लेकिन अंत में राजू ठेहट की लॉरेंस गैंग ने दिन दहाड़े हत्या कर दी।

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