कोरोना वायरस: राजस्थान में जांच का दायरा बढ़ाने के लिए अब होगी 'रेंडम सेंपलिंग'

जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। यहां संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में कोरोना की जांच का दायरा बढ़ाने के सरकार ने एक नई पहल की है। राज्य के जिन इलाकों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है वहां 'रेंडम' और 'क्लस्टर सैम्पलिंग' के जरिए जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा और इसकी शुरुआत जोधपुर शहर से होगी।
राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आने वाले, बिना किसी लक्षण के संक्रमित लोगों को चिन्हित करना या उनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है और जांच के जरिए ही इस बात का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जोधपुर शहर में संक्रमित लोगों को चिन्हित करने के लिए रामगंज मॉडल में अपनाई गई 'रेंडम सैम्पलिंग' पद्धति अपनाई जाएगी। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य में ठीक होने वाले मरीजों का अनुपात देश के 10 बड़े राज्यों में सबसे बेहतर है और प्रदेश में मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मृत्यु दर 2.34 फीसद से 1.38 फीसद हो गई है।
डॉ शर्मा ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी का राज्य में सफल परीक्षण किया गया है। जयपुर के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी आईसीएमआर से अनुमति लेकर प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में ठीक होने वाले मरीजों का डेटा तैयार किया जाएगा। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें प्लाज्मा दान करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पृथक-वास केंद्रों में खानपान और स्वच्छता की सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश अधिकारियों को जारी किए गए हैं। बीकानेर, पाली, बाड़मेर, भिवाड़ी जैसे क्षेत्र जहां सुपर स्प्रेडर के जरिए संक्रमित मामले बढ़ रहे हैं उन क्षेत्रों में भी विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किए हैं ताकि कोविड-19 को आसानी से नियंत्रित किया जा सके।
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