राजस्थान में स्कूल खुलने से पहले बनाए गए नियम, दो शिफ्टों में होगा संचालन, बच्चों को इन बातों का रखना होगा ध्यान

जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस का ग्राफ कम हो गया है। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या घटती जा रही है और हालात नियंत्रण में बने हुए हैं। ऐसे में सरकार ने नियमों में ढील भी दे दी है। इसी के तहत प्रदेश में एक सितंबर से स्कूल भी खोले जा रहे हैं। बता दें कि सरकार ने स्कूल खोले जाने के आदेश तो जारी कर दिए हैं मगर स्कूलों में कोरोना के चलते कुछ नियम लागू किए गए हैं। एक सितंबर से स्कूलों में बच्चों के स्कूल आने का समय अलग अलग होगा। यानी स्कूलों में दो शिफ्टों में पढ़ाई की जाएगी। 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों (9th and 11th class students) को सुबह 7.30 बजे स्कूल आना होगा जबकि दसवीं व बारहवीं के स्टूडेंट्स (10th and 12th class students) आठ बजे स्कूल आएंगे। दोनों की छुट्टी में भी आधे घंटे का अंतर रहेगा। स्कूल में लंच (lunch), पानी की बोतल (water bottle) और अन्य सामान बच्चे एक्सचेंज (exchange) नहीं कर सकेंगे। उन्हें social distancing का ध्यान रखते हुए क्लास में बैठना होगा और स्कूलों में प्रार्थना सभा पर रोक रहेगी।
शिक्षा विभाग ने जारी किए नियम
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय (Directorate of Secondary Education) ने कुछ ऐसे ही नियम तैयार किए हैं और स्कूल खोले जाने की SOP का प्रस्ताव राज्य सरकार (State Government) को भेजे हैं। स्वीकृति मिलते ही इन्हें जारी कर दिए जाएगा। जिससे स्कूल अपने स्तर पर स्कूलों में इन्हें लागू करने की तैयारी कर सकें। गौरतलब है कि सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाने की घोषणा पिछले दिनों की थी।
पैरेंट्स की अनुमति लेनी होगी
विभाग की SOP के मुताबिक स्कूल आने से पहले बच्चों के पैरेंट्स की लिखित अनुमति जरूरी होगी। उन्हें यह भी लिखकर देना होगा कि बच्चे स्कूल में कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) की पालना करेंगे। यदि पैरेंट्स स्वीकृति नहीं देते तो बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
खुली क्लास में बैठेंगे स्टूडेंट्स
स्कूलों के लिए जरूरी होगा कि बाल वाहिनी के उपयोग से पूर्व उसे पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाए। चालक और अन्य कर्मियों को कम से कम 14 दिन पहले वैक्सीन (Vaccine) की एक डोज भी लग चुकी हो। वाहन में आवंटित सीट पर ही बच्चे को बिठाया जाए। शिक्षा विभाग ने सभी स्टूडेंट्स को खुली क्लासेज में बिठाने के निर्देश दिए हैं। जिन क्लासेज में खिड़की होगी, उसी क्लास में बच्चे बैठ सकेंगे। बंद और बिना खिड़की व रोशनदान की क्लासेज में क्लासेज नहीं लगाने की बात एसओपी में कही गई है।
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