11 साल पुराने मामले में दस हथियार तस्करों को आजीवन कारावास की सजा

बाड़मेर। बाड़मेर की विशेष अदालत ने 11 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाकिस्तान से विस्फोटक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी के 11 साल पुराने मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों में से एक, आंतकी संगठन बब्बर खालसा का सदस्य शामिल है जो विस्फोटकों की खेप लेने के लिए बाड़मेर आया था।
आतंकी संगठन को की जानी थी हथियारों की आपूर्ति
इस मामले में जब्त हथियारों व बारुद की आपूर्ति कथित तौर पर आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा को की जानी थी। बाड़मेर में एससी/एसटी अदालत की विशेष न्यायाधीश वामिता सिंह ने अपने फैसले में सोदा खान उर्फ सोदिया उर्फ लूनिया, नजीर खान (पुत्र मीरु खान), नजीर खान (पुत्र जिया खान), खानू खान, मूसा खान, मीरा खान, कल्ला खान, रामदा खान, मुबारक खान और जगमोहन सिंह को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास (14 वर्ष) की सजा सुनाई है।
सितंबर 2009 में हुई थी कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि बाड़मेर पुलिस ने सितंबर 2009 में कार्रवाई के दौरान दो पाकिस्तानी तस्करों आलिया खान और फोटिया खान और बब्बर खालसा के तीन सदस्य हरजोत सिंह, परमजीत सिंह और जगमोहन सिंह सहित 14 लोगों को विस्फोटक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी के मामले में नामजद किया था। जांच के दौरान पुलिस ने बब्बर खालसा के एक सदस्य सहित कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कार्रवाई में कुल करीब 15 किलो आरडीएक्स, आठ विदेशी पिस्तौल और सैकड़ों राउंड कारतूस बरामद किए थे। जगमोहन सिंह पंजाब का रहने वाला है जबकि अन्य लोग बाड़मेर निवासी हैं।
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