यूपी के औरैया में बाढ़ से 15 गांव प्रभावित, NDRF की टीमें ग्रामीणों को रेस्क्यू करने में जुटी

यूपी के औरैया में बाढ़ से 15 गांव प्रभावित, NDRF की टीमें ग्रामीणों को रेस्क्यू करने में जुटी
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औरैया के जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव में बताया कि बाढ़ से औरैया के 15 गांव प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में जुटे हैं। पढ़िये रिपोर्ट...

राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर स्थित कोटा (Kota) बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के औरैया में बाढ़ (Flood In Auraiya) की स्थिति बन गई है। जिले के 15 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ का पानी घरों के भीतर घुसने के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। NDRF की टीमें बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं। उधर, जिला प्रशासन (District Administration) ने ऐलान किया है कि पानी उतरने के बाद फसलों का सर्वे किया जाएगा और नुकसान होने वाले किसानों को मुआवजा (Compensation) राशि दी जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के धौलपुर स्थित कोटा बैराज से दो दिन पहले 18 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इससे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर को पार कर गया था। औरैया के जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव में बताया कि बाढ़ से औरैया के 15 गांव प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमने नौ बाढ़ चौकियां बनाई हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों के स्कूलों को पहले ही बंद कर दिया था। साथ ही बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई थी।

उन्होंने बताया कि कई ग्रामीण बाढ़ के पानी में फंसे हैं। एनडीआरएफ की टीमें पानी में फंसे ग्रामीणों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पानी उतरने के बाद फसलों का सर्वेक्षण किया जाएगा। जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा राशि दी जाएगी।

इन गांवों में बाढ़

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि औरैया के जिन गांवों को बाढ़ ने प्रभावित किया है, उनका नाम अस्ता, नौरी, सिकरोड़ी, मई, मढ़ापुर, क्योंटरा, गोहानी कला, गोहानी खुर्द, गूंज, ततारपुर, जाजपुर, असेवटा, असेबा, जुहीखा, बडेरा, बबाईंन, नगला, भूरेपुर कला, बीझलपुर, फरिहा है। इसके अलावा अन्य गांवों तक भी पानी तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से गोताखोरों और चिकित्सकीय टीमों को भी तैनात किया गया है। साथ ही, बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की जा रही है।

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