वाराणसी में बीजेपी नेता और पुलिस के बीच मारपीट में 5 पुलिसकर्मी निलंबित, जानें क्या था पूरा विवाद

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बीजेपी नेता और पुलिसकर्मी के बीच हुई मारपीट में पांच पुलिसवालों को निलंबित कर दिया है। इस घटना के तहत हुई कार्रवाई में थाना प्रभारी लंका अश्वनी चतुर्वेदी, सुंदरपुर सुनील गौड़, राजू और दो सिपाही को सस्पेंड किया गया है।
बताया जा रहा है कि सुंदरपुर इलाके में 3 जुलाई को मास्क न पहनने को लेकर बीजेपी नेता और पुलिस के बीच मारपीट शुरू हो गई थी। जहां इस मामले में लंका थाना में सुरेंद्र पटेल और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
वहीं 5-6 अज्ञात लोगों पर मारपीट, बवाल, जानलेवा हमला, लूट और सरकारी कार्यों में बाधा डालने के लेकर केस दर्ज किया गया था। इस मामले पर सर्किट हाउस में बीजेपी नेता और जिला-पुलिस प्रशासन के बीच लंबी बैठक चली।
इस बीच, भाजपा नेताओं ने अधिकारियों से पूछा कि जब लोग मास्क नहीं पहनने थे, तो पुलिस को जुर्माना लगाना चाहिए था। इसे पीटना नहीं था। इसके अलावा, सुरेंद्र पटेल के बेटे विकास ने पुलिस के साथ मारपीट की थी, फिर पुलिस को उसके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था।
न कि हत्या, लूट आदि के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों की धाराओं में एफआईआर की जानी चाहिए थी। इस पूरी बैठक के बाद बीजेपी के काशी क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव और प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा के अनुरोध पर जिला प्रशासन ने पूरे मामले में एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में मैजिस्ट्रियल जांच गठित की।
जहां एडीजे प्रथम की कोर्ट ने बीजेपी नेता और अधिवक्ता समेत चार लोगों की गिरफ्तारी पर सुनवाई करते हुए चारों को जमानत दे दी। वहीं, पांच पुलिकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
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