लखनऊ की बेबसी वाली चिट्ठी; कोरोना संक्रमित पूर्व जज को नहीं मिली मदद, पत्नी ने तड़प-तड़पकर तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोरोना महामारी जिस तरह से कहर बरपा रही है, उससे तमाम स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं। बेबसी का आलम यह है कि शहर के पूर्व जज तक को अपनी पत्नी को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिल पाई। घर पर न ही कोई दवा देने आया और न ही किसी ने हाल पूछा। एंबुलेंस के इंतजार में जज की पत्नी ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। जब लाश सड़ने लगी तो आखिर में पूर्व जज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर मदद मांगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लखनऊ के गोमती नगर के विनम्र ब्लॉक में रिटायर्ड जज रमेश चंद्रा (67) अपनी पत्नी मधु चंद्रा (64 साल) के साथ रह रहे थे। रमेश चंद्र ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह और उनकी पत्नी मधु चंद्रा कोरोना संक्रमित हो गए थे। बीते बुधवार को सुबह सात बजे से वे लगातार मदद के लिए प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए नंबरों पर कॉल करते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही के कारण मधु चंद्रा का स्वर्गवास हो गया है। वर्तमान समय में स्थिति यह है कि कोई डेड बॉडी उठाने वाला नहीं है। कृपया मदद की जाए।
हर जगह कोहराम
पूर्व जज की पोस्ट वायरल होने के बाद उनकी मदद के लिए एंबुलेंस तो भेज दी गई, लेकिन इस घटना से साबित कर दिया कि बेबसी का आलम किस हद तक है। कोरोना की सबसे ज्यादा मार लखनऊ पर ही पड़ रही है। बैकुंठ धाम में एक साथ 20 से 25 चिताएं जल रही हैं। चारों ओर सन्नाटा पसर है। हर तरफ चीख पुकार की आवाजें सुनाई पड़ रही हैं। ऐसे में पूर्व जज की बेबसी सुनकर लोगों में भी गुस्सा है।
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