अब A फॉर Apple नहीं… यूपी के स्कूल ने बदल दी ABCD, अंग्रेजी वर्णमालाएं देंगी पौराणिक ज्ञान

अब A फॉर Apple नहीं… यूपी के स्कूल ने बदल दी ABCD, अंग्रेजी वर्णमालाएं देंगी पौराणिक ज्ञान
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UP School: लखनऊ के एक स्कूल ने ABCD बदल डाली है। स्कूल हिंदी वर्णमाला के साथ भी इसी तरह के पैटर्न का पालन करने की कोशिश कर रहा है। चूंकि हिंदी में अधिक अक्षर हैं, इसलिए इसकी प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है।

UP Education System: हमने अभी तक ए फॉर एप्पल और बी फॉर बॉल पढ़ा है, लेकिन लखनऊ के एक स्कूल ने इसमें बदलाव कर दिया है। अब ए फॉर एप्पल (A For Apple) नहीं बल्कि ए फॉर अर्जुन (A For Arjun) के रूप में जाना जाएगा। इसी प्रकार बी का मतलब बॉल नहीं बल्कि बी फॉर बलराम होगा। स्कूल प्रिंसिपल की मानें तो बच्चों को अंग्रेजी की वर्णमालाओं से ऐतिहासिक (Historical) और पौराणिक (Mythological) ज्ञान प्रदान करना उनका उद्देश्य है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह प्रयाेग लखनऊ के अमीनाबाद इंटर कॉलेज (Aminabad Inter College Lucknow) ने किया है। अंग्रेजी वर्णमाला (English alphabet) से ऐतिहासिक और पौराणिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से कॉलेज ने प्रत्येक वर्णमाला को हिंदू पौराणिक (Hindu mythology) कथाओं से एक रहस्यमय या ऐतिहासिक व्यक्ति को समर्पित किया है। इस नई ABC में, A अर्जुन के लिए, B बलराम के लिए, C चाणक्य के लिए, D ध्रुव के लिए, E एकलव्य के लिए, F चार वेदों के लिए, G गायत्री के लिए, H हनुमान के लिए इत्यादि।

इस अनूठी पहल के बारे में बात करते हुए लखनऊ स्थित कॉलेज के प्रिंसिपल लाल मिश्रा ने कहा, "छात्रों को भारतीय संस्कृति (Indian Culture) के बारे में कम जानकारी है, इसलिए हमने उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए ऐसा किया है।"


स्कूल द्वारा बनाए गए वर्णमाला चार्ट (Alphabet Chart) में न केवल पौराणिक और ऐतिहासिक शख्सियतों के नाम और चित्र हैं, बल्कि उनका विवरण भी साझा किया गया है। उदाहरण के लिए, अर्जुन को एक 'महान योद्धा' और चाणक्य को 'आदर्श शिक्षक' के रूप में वर्णित किया गया है।


बच्चों को उनकी जड़ों से जोड़ने की स्कूल की कोशिश यहीं खत्म नहीं होती है। प्रिंसिपल ने कहा कि वे हिंदी वर्णमाला (Hindi Alphabet) के साथ भी इसी तरह के पैटर्न का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि हिंदी में अधिक अक्षर हैं, इसलिए इसकी प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है। बता दें कि स्कूल नगर निगम द्वारा संचालित है और 1897 में स्थापित किया गया था। लखनऊ का यह स्कूल 125 साल पुराना है।

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