प्रयागराज की नैनी जेल में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बढ़ाई गई सुरक्षा, 'जौनपुर के बाहुबली' को इस कारण जान का खतरा!

प्रयागराज की नैनी जेल में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बढ़ाई गई सुरक्षा, जौनपुर के बाहुबली को इस कारण जान का खतरा!
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पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है, जिसकी सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। एक जेलर और डिप्टी जेलर की तैनाती के साथ ही अतिरिक्त जेल वार्डर भी तैनात किए गए हैं। इस बाहुबली को किससे है जान का खतरा, इस रिपोर्ट में पढ़िये...

लखनऊ में आजमगढ़ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की नैनी सुरक्षा सेंट्रल जेल में बढ़ा दी गई है। जौनपुर के इस बाहुबली को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है, जिसकी सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। एक जेलर और डिप्टी जेलर की तैनाती के साथ ही अतिरिक्त जेल वार्डर भी तैनात किए गए हैं। यही नहीं, संबंधित थाने से भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलाकर नैनी सेंट्रल जेल के बाहर तैनात कर दी गई है।

मीडिय रिपोर्ट्स के मुताबिक नैनी सेंट्रल जेल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और माफिया अभय सिंह के कई गूर्गों और और शार्प शूटरों के साथ कई खतरनाक अपराधी बंद है। माफियाओं के बीच हमेशा वर्चस्व की लड़ाई जारी रहती है चाहे जेल के भीतर हो या बाहर। ऐसे में बाहुबली धनंजय सिंह को जान का खतरा हो सकता है, जिसके मद्देनजर उसकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने पांच मार्च को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धनजंय सिंह को मऊ मुहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोपी पाया गया है। इस मामले में उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। अजीत सिंह की हत्या छह जनवरी की रात हुई थी। अजीत सिंह के साथ मौजूद मोहर सिंह ने आरोप लगाया था कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह और अखंड सिंह ने गिरधारी से यह हत्या करवाई है।

गिरधारी ने पांच शूटरों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने पिछले दिनों गिरधारी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन असलहा लेकर भागने की कोशिश में वो पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। गिरधारी से ही पुलिस को धनंजय सिंह के बारे में पता चला था। योगी राज में पुलिस एनकाउंटर के डर के चलते धनंजय सिंह ने पांच मार्च को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर तो कर दिया, लेकिन जेल के भीतर भी उसकी जान को खतरा कम नहीं है। यही कारण है कि उसकी सुरक्षा इंतजामों को लेकर खास व्यवस्थाएं की गई हैं।

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