'जौनपुर का बाहुबली' धनंजय सिंह हाथ नहीं आया, पूर्व बसपा सांसद पर अब 25 हजार का इनाम

जौनपुर का बाहुबली धनंजय सिंह हाथ नहीं आया, पूर्व बसपा सांसद पर अब 25 हजार का इनाम
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मऊ मुहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की छह जनवरी की रात हत्या कर दी गई थी। यह हत्या गैंगस्टर गिरधारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी। गिरधारी पुलिस कस्टडी से फरार होने की कोशिश के दौरान मुठभेड़ में मारा जा चुका है। उसने जो खुलासे किए थे, उसी आधार पर धनंजय सिंह को तलाशा जा रहा है।

लखनऊ में आजमगढ़ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में जौनपुर से बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश तेज कर दी गई है। गुरुवार को लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपये की इनाम राशि घोषित की। यही नहीं, योगी सरकार हाईकोर्ट से मिली धनंजय की जमानत को भी निरस्त कराने की तैयारी कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धनजंय सिंह को मऊ मुहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोपी पाया गया है। यह हत्या छह जनवरी की रात हुई थी। अजीत सिंह के साथ मौजूद मोहर सिंह ने आरोप लगाया था कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह और अखंड सिंह ने गिरधारी से यह हत्या करवाई है। गिरधारी ने पांच शूटरों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।

पुलिस ने पिछले दिनों गिरधारी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन असलहा लेकर भागने की कोशिश में वो पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। गिरधारी से ही पुलिस को धनंजय सिंह के बारे में पता चला था। पुलिस तब से धनंजय सिंह की तलाश कर रही है, लेकिन वो हाथ नहीं आ रहा। अब लखनऊ पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये की इनाम राशि घोषित की है। साथ ही, उसकी धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमें भी बढ़ा दी गई हैं।

जमानत भी निरस्त कराने की तैयारी

पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह पर पिछले साल जौनपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से रंगदारी मांगने का भी मामला दर्ज है। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसे 27 अगस्त को सशर्त जमानत मिल गई थी। योगी सरकार इस जमानत को भी निरस्त करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बाकायदा विधिक सलाह ली जा रही है। बता दें कि धनंजय सिंह ने इलाहाबाद कोर्ट में दाखिल हलफनामे में खुलासा किया था कि उसके खिलाफ कुल 38 केस दर्ज थे, जिनमें से अब उसके खिलाफ केवल पांच मामले ही बचे हैं।

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