पंजाब के अग्निवीर अमृतपाल सिंह की शहादत पर सियासत गरमाई, अखिलेश बोले- अग्निवीर योजना का फिर विरोध करेंगे

पंजाब के अग्निवीर अमृतपाल सिंह की शहादत पर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव ने भी शहीद अमृतपाल के पार्थिव शरीर को सैन्य सम्मान और राजकीय सम्मान न मिलने का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रमुख ने कहा है कि हम अग्निवीर योजना के खिलाफ दोबारा से विरोध शुरू करेंगे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आज सुबह X पर लिखा कि पंजाब के अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के पार्थिव शरीर को न तो सैन्य-सम्मान मिला न राजकीय-सम्मान। ये एक त्रुटिपूर्ण सैन्य-भर्ती का दुष्परिणाम है। सैनिकों को उनका यथोचित सम्मान हर दशा-अवस्था में मिलना ही चाहिए। हम इस शहादत को शत-शत नमन करते हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि हम अग्निवीर योजना के अपने विरोध की आवाज उठाएंगे और परम्परागत भर्ती की पुनर्बहाली की मांग उठाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा व देश के युवा के भविष्य के साथ हमें कोई भी समझौता मंजूर नहीं करेंगे।
सोशल मीडिया पर भी उठ रहे सवाल
सोशल मीडिया पर भी शहीद अमृतपाल की अंतिम यात्रा के वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह के पार्थिव शरीर को सैन्य और राजकीय सम्मान मिलना चाहिए था। उधर, कांग्रेस समेत कई दलों के नेता ने भी केंद्र पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने X पर लिखा था कि अग्निवीर योजना के तहत पंजाब के अमृतपाल सिंह सेना में भर्ती हुए। कश्मीर में तैनात अमृतपाल 10 अक्टूबर को गोली लगने से शहीद हो गए। दुखद ये है कि अमृतपाल को न तो सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई और न ही पार्थिव शरीर को आर्मी वाहन की बजाए एंबुलेंस में उनके घर तक पहुंचाया गया। ये देश के शहीदों का अपमान है।
अमृतपाल सिंह की शहादत पर सेना ने दिया ये बयान
अग्निवीर अमृतपाल सिंह की शहादत के बाद सैन्य सम्मान न मिलने के आरोपों को सेना ने खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स ने सेना के हवाले से बताया है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह राजौरी सेक्टर में ड्यूटी पर तैनात थे। 11 अक्टूबर को बंदूक की गोली लगने से उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है। भारतीय सेना ने उन आरोपों को दुर्भायपूर्ण बताया है, जिसमें कहा जा रहा है कि सेना ने अग्निवीर को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई नहीं दी है।
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