इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- यूपी में चिकित्सकीय सुविधा भगवान भरोसे... योगी सरकार को दिए तुरंत ये कदम उठाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जहां कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते नहीं थक रही, वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गांवों में फैले संक्रमण पर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह की चिकित्सा सुविधा है, उससे कहा जा सकता है कि लोगों का स्वास्थ्य भगवान भरोसे है। कोर्ट का कहना है कि अगर अभी भी हमने सही दिशा में काम शुरू नहीं किया तो निश्चित ही हम तीसरी लहर को आमंत्रण दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार ने सोमवार को जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रदेश के गांवों और कस्बों में चिकित्सकीय सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। गांवों में टेस्टिंग भी बेहद कम हो रही है। हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया कि इस संबंध में विशेषज्ञों से व्यापक रिपोर्ट तैयार कराकर दाखिल की जाए। साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि तीन महीने के भीतर सभी को वैक्सीन लग जाए।
राज्य सरकार क्यों करती वैक्सीन उत्पादन
इस पर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा हे। प्रदेश सरकार ने वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर जारी किया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि राज्य सरकार वैक्सीन क्यों नहीं बना रही है।
ऑक्सीजन प्लांट अनिवार्य करने के निर्देश
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 20 बेड वाले नर्सिंग होम और अस्पतालों के 40 फीसद बेड आइसीयू रखे जाए। इनमें 25 फीसद बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा होनी चाहिए। 30 बेड वाले नर्सिंग होम और अस्पतालों मे ऑक्सीजन प्लांट अनिवार्य किया जाए। हाईकोर्ट ने एसजीपीजीआइ लखनऊ और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर प्रयागराज, आगरा, मेरठ, कानपुर और गोरखपुर में भी उच्चीकृत सुविधाओं वाले मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के निर्देश दिए। कहा कि यह प्रक्रिया चार महीने में पूरी कर ली जाए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS