शहीद दारोगा प्रशांत यादव पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में लगे 'यूपी पुलिस बदला लो' के नारे

आगरा में शहीद सब इंस्पेक्टर प्रशांत यादव को स्थानीय पुलिस लाइन में आखिरी सलामी दी गई। एडीजी राजीव कृष्ण समेत तमाम अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। प्रशांत अपने परिवार के इकलौता चिराग थे। उनके चले जाने से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद प्रशांत यादव का पार्थिव शरीर दोपहर बाद बुलंदशहर स्थित उनके पैतृक गांव छतारी पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। युवाओं ने हाथ में तिरंगा लेकर प्रशांत यादव अमर रहे के नारे लगाए। घटना पर आक्रोश जताते हुए यूपी पुलिस को आरोपी से बदला लेने की भी मांग की गई। पार्थिव शरीर को जब मुखाग्नि दी गई तो हर किसी की आंख नम दिखाई दी।
प्रशांत ने बतौर सिपाही 2005 में यूपी पुलिस को जॉइन किया था और 2015 में सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नत हुए थे। प्रशांत अपने परिवार में इकलौता चिराग थे। उनकी एक सगी बहन है और तीन चचेरी बहने हैं। प्रशांत के पिता की 2008 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके एक साल बाद उनके चाचा जय सिंह की भी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई, जिसके बाद दोनों परिवारों को चलाने की जिम्मेदारी प्रशांत पर आ गई। प्रशांत इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभा रहे थे, लेकिन बुधवार की रात एक सनकी हत्यारे ने उनकी जान ले ली।
आरोपी पर लगा रासुका
शहीद सब इंस्पेक्टर प्रशांत यादव पर गोली चलाने वाले मुख्य आरोपी विश्वनाथ के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जा रही है। उसकी तलाश में कई जगह छापे मारे गए, लेकिन अभी हाथ नहीं आया। पुलिस की टीमें लगातार उसकी तलाश में जुटी है।
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