Ayodhya Deepotsav 2022: अयोध्या दीपोत्सव हर बार तोड़ रहा अपना ही रिकॉर्ड, जानिए इस Diwali जलाये जाएंगे कितने लाख दीप

उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीराम की नगरी कही जाने वाली अयोध्या एक बार फिर दीपों से जगमगाने जा रही है। यूपी सरकार अयोध्या में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाएगी। दिवाली की पूर्व संध्या पर 23 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाया जाएगा। वहीं दिवाली की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी भी दीपोत्सव में शामिल होंगे। इस दौरान पीएम मोदी राम लला विराजमान की पूजा करेंगे और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे।
इस बार भी टूटेगा अयोध्या में दीपोत्सव का रिकॉर्ड
अयोध्या जिले में होने वाला दीपोत्सव अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ देगा। खास बात यह है कि इस साल के दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले रहे हैं। दीपोत्सव का पर्व छठवीं बार हो रहा है और इसकी शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 23 अक्टूबर को अयोध्या का दौरा कर रहे हैं। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां हो गई हैं।
साल 2017 में हुई थी अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत
मार्च 2017 में अयोध्या नगरी के सरयू घाट पर पहली बार योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि जब भगवान राम वनवास से अयोध्या लौटे थे, तो वहां के लोगों ने खुशी-खुशी अपने घरों और चौकों में दीप जलाए थे। त्रेतायुग की उसी स्मृति को ताजा करने के लिए योगी सरकार हर साल दीपोत्सव का ये खास पर्व मनाती है। जो हमारी संस्कृति को जिंदा रखे है।
हर साल बनाया दीपोत्सव ने गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि अयोध्या में साल 2017 से शुरू हुए दीपोत्सव में पहली बार सरयू घाटों पर जलने वाले दीपों की संख्या 1.71 लाख थी। इसके बाद साल 2018 में 3.01, साल 2019 में 4.04, साल 2020 में 6.06 लाख दीए जालए गए थे। इस साल 2021-22 में सरयू के घटों पर 9.41 लाख दीए जलाए गए। दीपों की संख्या के हिसाब से हर साल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बन रहा है। इस बार साल 2022 में 15 लाख दीये जलाने का लक्ष्य है। 17 लाख दीयों को तैयार किया जा चुका है। ऐसे में रामनगरी में एक बार फिर गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा है।
जानें क्यों सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए खास है अयोध्या
गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ का अयोध्या से पुराना नाता रहा है। हाल के 100 वर्षों के दौरान राम मंदिर के संबंध में जो भी आंदोलन हुए थे। योगी के दादा गुरु ब्रह्मलिन महंत दिग्विजय नाथ ने अपने गुरु ब्रह्मलिन महंत अवद्यनाथ के साथ अहम भूमिका निभाई थी। ब्रह्मलीन महंत अवद्यनाथ श्री राम जन्मभूमि यज्ञ समिति के आजीवन अध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि न्याय के शीर्ष अधिकारी थे। ऐसे में योगी आदित्यनाथ का ये संबंध भगवान राम की नगरी अयोध्या से और भी गहरा हो जाता है।
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