भागने की कोशिश में मारा गया था कानपुर वाला विकास दुबे, जांच में उसके गुर्गों से जुड़ी रिपोर्ट में अब हुआ ये खुलासा

कानपुर वाला विकास दुबे पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश में मारा गया था। उसके चार अन्य साथियों के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ को भी न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच में सही पाया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है, जिसमें इन मुठभेड़ को फर्जी घोषित कर प्रदेश की योगी सरकार पर सवालिया निशान लगाए जा रहे थे। बहरहाल एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी गई है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित आयोग को भेजा गया है।
बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था। विकास और उसके गुर्गो की ओर से की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस वारदात के अगले ही दिन तीन जुलाई को काशीपुर नवादा गांव में विकास के दो गुर्गे प्रकाश पांडे और अतुल दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। पुलिस मुठभेड़ को लेकर कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने सवाल उठाए तो डीएम ने मामले की जांच एडीएम (भूअधिपत्य) को सौंप दी। एडीएम की जांच रिपोर्ट अब सामने आई है, जिसमें इस मुठभेड़ को सही बताया गया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बदमाश अतुल दुबे और प्रेम कुमार बिकरू कांड के बाद काशीराम नवादा गांव के बाहर बने मंदिर के पास छुपे थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान जब वहां पुलिस पहुंची तो दोनों बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़ी, जिससे दोनों बदमाश मारे गए।
उत्तर प्रदेश पुलिस को विकास दुबे और प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर मामले में भी क्लीनचिट मिली है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक बिकरू हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे उज्जैन से वापस लाते समय पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद पुलिस की पिस्टल लेकर भागा था। पुलिस ने गैंगस्टर का पीछा किया तो उसने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें विकास दुबे की मौत हो गई थी। न्यायिक जांच में पनकी थाना क्षेत्र में ही प्रभात दुबे के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ को भी सही पाया गया है। विकास के इस गुर्गे को फरीदाबाद से कानपुर लाया जा रहा था। रास्ते में पुलिस की जीप पंचर हो गई, जिसका फायदा उठाकर प्रभात पुलिस इंस्पेक्टर की पिस्टल लेकर भागा और पीछा किए जाने पर पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें प्रभात मारा गया। डीएम आलोक तिवारी ने बताया कि सभी मुठभेड़ की न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट मिल गई है। जांच में इन सभी मुठभेड़ को सही पाया गया है।
मैं कानपुर वाला विकास दुबे
पुलिस ने विकास दुबे को जब उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार किया था तो उस समय इस शातिर गैंगस्टर ने चिल्ला चिल्लाकर लोगों को अपनी पहचान कानपुर वाले विकास दुबे के रूप में कराई थी। 'मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला', अपराधी विकास दुबे के इस बोल ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। उस पर एक वेब सीरीज भी बन रही है। हालांकि मृदुल कपिल की किताब 'मैं कानपुर वाला' पर आधारित यह वेब सीरीज पूरी तो हो गई है, लेकिन विकास दुबे के परिजनों की ओर से आपत्ति जताए जाने के कारण रीलीज नहीं हो सकी है।
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