Black Fungus In UP : लखनऊ और मेरठ के बाद ताजनगरी पहुंचा ब्लैक फंगस, होम आइसोलेशन की शर्तों में हुआ यह बदलाव

Black Fungus In UP : लखनऊ और मेरठ के बाद ताजनगरी पहुंचा ब्लैक फंगस, होम आइसोलेशन की शर्तों में हुआ यह बदलाव
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उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस भी कोरोना संक्रमण की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। लखनऊ और मेरठ के बाद अब ताजनगरी आगरा में भी ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं। प्रदेश भर में इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों की संख्या 250 के पार पहुंच गई है, वहीं 33 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा में 53 वर्षीय महिला में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। उनका इलाज सरोजनी नायडु मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। आगरा के डीएम एन सिंह के मुताबिक जिले में ब्लैक फंगस के अब तक पांच से ज्यादा संदिग्ध मरीज सामने आए हैं, जबकि 53 वर्षीय महिला मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है।

लखनऊ में सबसे ज्यादा मरीज

राजधानी लखनऊ में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले हैं। यहां के केजीएमयू में 96 मरीजों का इलाज चल रहा है। बता दें कि यहां पर अन्य जिलों से भी मरीज रैफर होकर आ रहे हैं। राजधानी में अब तक इस बीमारी से 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

मेरठ में भी बढ़ रहे मरीज

लखनऊ के बाद मेरठ में ब्लैक फंगस के मरीज सबसे ज्यादा संख्या में मिले हैं। यहां अब तक 80 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है। मेरठ प्रशासन का दावा है कि हालात पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। ब्लैक फंगस के मरीजों के उचित उपचार के साथ ही लखनऊ से एंटी फंगल दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।

होम आइसोलेशन की शर्तों में बदलाव

आगरा में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में आगरा के सीएमओ डॉक्टर आरसी पांडे के हवाले से बताया गया है कि जिले में एचआईवी, कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी जैसे कम प्रतिरक्षा वाले रोगियों को कोविड -19 से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाए। ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति केवल तभी दी जा सकती है, जब उनके डॉक्टर इसके लिए सहमत हों। हालांकि इस दौरान भी चार्ट बनाकर दस दिन तक संबंधित मरीज के सभी लक्षणों का ब्यौरा दर्ज करना जरूरी होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह होम आइसोलेशन की शर्तों में बदलाव नहीं, केवल संशोधन है। हाेम आइसोलेशन की इजाजत उस मरीज को रहेगी, जिनके पास घर में अलग कमरे और टॉयलेट के साथ जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

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