Population Control Law: मायावती ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उठाए सवाल, कहा- बीजेपी चुन रही भटकाऊ मुद्दे

Population Control Law: मायावती ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उठाए सवाल, कहा- बीजेपी चुन रही भटकाऊ मुद्दे
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सवाल उठाए थे। कहा था कि कानून लाने का यह सही मौका नहीं है। अब जब चुनाव हो चुके हैं, तब भी बसपा सुप्रीमो ने आपत्ति जताई है। पढ़िये इस बार विरोध की क्या वजह बताई....

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बाद अब बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण जैसे दीर्घकालीन विषय पर लोगों को उलझाना भाजपा (BJP) की कौन सी समझदारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जानकर भटकाऊ और विवादित मुद्दे चुन रही है। भाजपा सरकारों को देश की वास्तविक प्राथमिकताओं पर समुचित ध्यान देना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बीजेपी पर हमला बोलते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में लिखा कि ऐसे समय में जब आसमान छूती महंगाई, अति गरीबी व बढ़ती बेरोजगारी आदि के अभिशाप से परिवारों का जीवन दुखी, त्रस्त व तनावपूर्ण है और स्वयं अपनी सभी जरूरतों को सीमित कर रहे हैं, तब जनसंख्या नियंत्रण जैसे दीर्घकालीन विषय पर लोगों को उलझाना भाजपा की कौन सी समझदारी है?

उन्होंने आगे लिखा कि जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा है, जिसके प्रति कानून लाने से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत है। भाजपा सरकारें देश की वास्तविक प्राथमिकता पर समुचित ध्यान देने के बजाय भटकाऊ व विवादित मुद्दे ही चुन रही हैं। ऐसे में जनहित व देशहित का सही से कैसे भला संभव होगा। जनता दुखी व बेचैन है।

बता दें कि यह पहला मौका नहीं, जब बसपा सुप्रीमो ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध किया है। इससे पूर्व विधानसभा चुनाव से पहले भी बसपा सुप्रीमो ने इस विषय पर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाया जा रहा नया विधेयक, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसे लाए जाने के समय को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है। लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।'

उन्होंने आगे कहा था कि अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था। प्रदेश व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबर्दस्ती व अधिकतर परिवारों को दंडित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है, जो जनता की नजर में घोर अनुचित है।

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कल जनसंख्या नियंत्रण कानून पर प्रहार किया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, 'अराजकता आबादी से नहीं, लोकतांत्रिक मूल्यों की बरबादी से उपजती है।'


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