यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार 2022 तक हर घर तक पहुंचाएगी पानी, फ्लोराइड प्रभावित 38 जिले प्राथमिकता

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार 2022 तक हर घर तक पहुंचाएगी पानी, फ्लोराइड प्रभावित 38 जिले प्राथमिकता
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देशभर में ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन को उत्तर प्रदेश में 2020 तक शतप्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस मिशन के कार्यान्वयन के लिए 2,550.94 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की है।

देशभर में ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन को उत्तर प्रदेश में 2020 तक शतप्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस मिशन के कार्यान्वयन के लिए 2,550.94 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की है।

केंद्रीय मंत्री जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार बुधवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के संबंध में विस्तार से चर्चा की, ताकि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए उत्तर प्रदेश में इस मिशन को तेजी से कार्यान्वित किया जा सके।

योगी ने शेखावत को बताया कि उत्तर प्रदेश ने प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यशील नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए वर्ष 2022 तक 100 प्रतिशत कवरेज करने का लक्ष्य पूरा करने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनायी है। इस संबंध में यूपी के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत को राज्य में इस मिशन को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।

खासकर मुख्यमंत्री ने विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र में जेई और एईएस के साथ-साथ आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित 38 जिलों में प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की राज्य की योजना का जिक्र किया। केंद्रीय मंत्री ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस मिशन के कार्यान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश राज्य को 2,550.94 करोड़ रुपए आवंटित करने की जानकारी दी।

मंत्रालय के अनुसार इस आवंटन राशि के साथ राज्य के हिस्से सहित 6,966.26 करोड़ रुपए की यूपी के पास पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता है। चूंकि उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग को 15वें वित्त आयोग अनुदान के तहत 9,752 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और इसका 50 प्रतिशत उपयोग जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए किया जाना है।

केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी से अनुरोध किया कि वे ग्रामीण जलआपूर्ति, ग्रे-वाटर ट्रीटमेंट और पुन: उपयोग और विशेष रूप से जल आपूर्ति योजनाओं के दीर्घकालिक संचालन व रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए इस कोष को उपयोग करने की योजना बनाएं।

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