यूपी में साइबर फ्रॉड करने वालों की खैर नहीं, सीएम योगी ने प्रत्येक जोन में साइबर फॉरेंसिक लैब बनाने के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने साइबर अपराध (Cyber Crime) की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर पुलिस स्तर पर साइबर फॉरेंसिक लैब (Cyber Forensic Lab) की स्थापना करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी पुलिस रेंज के साइबर थानों (Cyber Police Stations) को व्यवस्थित रूप से क्रियाशील रहने के लिए भी कहा है। इसके अलावा सीएम ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर की महत्ता के चलते युवाओं से इस क्षेत्र में भविष्य बनाने की अपील की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों में पिछले काफी समय से साइबर अपराध की संख्या बढ़ी है। यूपी में ऐसे अपराधों पर नकेल कसने के लिए प्रत्येक जिले में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। योगी सरकार साइबर अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी और लंबित विवेचनाओं को तेजी से पूरा करके सजा दिलाने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में सीएम योगी ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर प्रत्येक जोन में साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि लखनऊ में डिजिटल फॉरेंसिक लैब बनाई जा रही है तो वहीं प्रत्येक जोन स्तर पर साइबर फॉरेंसिक लैब बनने से साइबर फ्रॉड करने वालों पर शिकंजा और अधिक कस जाएगा। साइबर अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही विशेषज्ञों की तैनाती होगी। साइबर हेल्प डेस्क की बात करें तो पिछले पांच वर्षों में 18 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गई और इन थानों में 400 से अधिक पदों का सृजन किया गया।
प्रदेश में पांच वर्ष पहले लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में महज दो साइबर क्राइम थाने थे। अब साइबर क्राइम थानों में पिछले पांच वर्षों में 863 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें करीब 600 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इसके अलावा करीब सात अरब की धनराशि को बैंक खातों में फ्रीज कराया गया है। साइबर फ्रॉड के पीड़ितों को करीब 11 करोड़ रुपए की राशि उनके खातों में वापस कराई जा चुकी है।
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