Prayagraj: डेंगू के इलाज की आड़ में ड्रामा करने वालों पर बड़ा एक्शन, ग्लोबल हॉस्पिटल होगा ध्वस्त!

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में डेंगू (Dengue) के इलाज की आड़ में ड्रामा करने वालों के खिलाफ एक और बड़ा एक्शन (Big Action) होने जा रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) ने ग्लोबल हॉस्पिटल (Global Hospital) को 28 अक्टूबर तक खाली करने का नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण का कहना है कि यह इमारत अवैध रूप से निर्मित है, लिहाजा इसे ध्वस्त किया जा सकता है। उधर, यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने कहा है कि चाहे सरकारी या गैर-सरकारी अस्पताल हो, हम सभी में उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्लोबल हॉस्पिटल तब सुर्खियो में आया, जब डेंगू पीड़ित मरीज की मौत के बाद परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए थे। परिजनों का कहना था कि ग्लोबल हॉस्पिटल में उनके मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की बजाय मुसम्बी जूस चढ़ा दिया। इससे उनके मरीज की नसें फट गईं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो डिप्टी सीएम ने अस्पताल को सील करने का आदेश जारी कर जांच के आदेश दे दिए। साथ ही, ग्लोबल अस्पताल के खिलाफ भी पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई।
इस कड़ी में अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने भी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है। प्राधिकरण ने ग्लोबल अस्पताल को 28 अक्टूबर तक बिल्डिंग खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने बिल्डिंग को अवैध रूप से निर्मित करार दिया है। ऐसे में इस इमारत पर बुलडोजर चलने की संभावना है।
डिप्टी सीएम बोले- जांच रिपोर्ट आने का इंतजार
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिवाली की छुट्टियों के कारण अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन मैं कह सकता हूं कि चाहे सरकारी या गैर-सरकारी अस्पताल हो, हम सभी में उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह है पूरा मामला
बता दें कि बमरौली निवासी प्रदीप पांडे को डेंगू पीड़ित होने के बाद झलवा के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में 14 अक्तूबर को भर्ती कराया गया था। दो दिन बाद 16 अक्तूबर को प्रदीप की प्लेटलेट्स 17 हजार पहुंच गई। इस पर उन्हें तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाया गया। आरोपों के मुताबिक प्लेटलेट्स चढ़ाते वक्त प्रदीप की हालत बिगड़ गई और उन्हें रेफर कर दिया। 19 अक्टूबर को प्रदीप की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अगर ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टरों ने मुसम्बी के जूस की जगह प्लेटलेट्स चढ़ाई होती तो प्रदीप जीवित होते। उनकी मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करके आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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