अयोध्या में शहीद राजकुमार को सरयू घाट पर दी अंतिम विदाई, बेटे ने मुखाग्नि देकर पीएम मोदी से की मार्मिक अपील

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले के दौरान शहीद हुए राजकुमार यादव के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ सरयू नदी के घाट पर अंतिम विदाई दी गई। उनकी अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा। शहीद के बेटे शिवम ने जब पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी तो सभी की आंखें झलक गईं। इस दौरान शहीद अमर रहे के उद्घोष भी गूंजते रहे। योगी सरकार ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद राजकुमार यादव के पार्थिव शरीर का आज अयोध्या में सरयू नदी के घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए भारी जनसैलाब उमड़ा। शिवम यादव ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। इससे पूर्व सोमवार रात जब शहीद का पार्थिव शरीर गांव रानोपाली स्थित आवास पर पहुंच तो परिजनों की चीख-पुकार सुन हर किसी की आंखों में आंसू आ गए। शहीद की मां ने पलभर अपने बेटे के शव को देखा और उसके बाद सुधबुध खो बैठी। पत्नी ज्ञानमती पति के ताबूत से लिपटकर घंटों रोती रही।
District officers, Police met family of a CRPF soldier who lost his life in Naxal attack at Sukma-Bijapur border, Chhattisgarh
— ANI UP (@ANINewsUP) April 6, 2021
The CM has extended his condolences. Rs 50 lakhs will be given to the kin, job to 1 family member & a district road to be named after him: DM, Chandauli pic.twitter.com/Qb8ErPqDlA
बेटे ने पीएम मोदी से की मार्मिक अपील
पिता को मुखाग्नि देने के बाद बेटे शिवम यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीडिया के माध्यम से मार्मिक अपील की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवम ने कहा कि हमारे सैनिक देश के भीतर ही दुश्मनों से लड़ रहे हैं। उनकी शहादत हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
बता दें कि शहीद राजकुमार यादव सीआरपीएफ की कोबरा 210 बटालियन में तैनात थे। बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर नक्सलियों की ओर से किए गए हमले में राजकुमार ने भी अदम्य साहस का परिचय दिया, लेकिन नक्सलियों से लड़ते हुए वे शहादत को प्राप्त हुए। राजकुमार 44 साल के थे। उन्होंने 1995 में सीआरपीएफ जॉइन की थी। राजकुमार जल्द ही घर छुट्टी के लिए आने वाले थे, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने भाई को दी थी।
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